10 ऐसे काम जो आज नहीं तो कल आपको बीमार और परेशान करके ही छोड़ेंगे
10 ऐसे काम जो आज नहीं तो कल आपको बीमार और परेशान कर ही छोड़ेंगे-
(1) – तामसिक भोजन खाना, जैसे – मांस, मछली, अण्डे, शराब, बियर, सिगरेट, बीड़ी, तम्बाखू, गुटखा आदि को खाना। जैसे इंसान भगवान की संतान है वैसे मुर्गा बकरा गाय मछली भी ईश्वर की संतान है ऐसे में ये सभी पशु पक्षी भी हमारे भाई बंधु के समान हुए। हमारे शास्त्र कहते है की कोई आदमी अगर इन निर्दोष जानवरो को मारता है तो वो आदमी भगवान के प्रेम का नहीं बल्कि गुस्से का पात्र है। भगवान के गुस्सा होने पर कई किस्म की तकलीफे जीवन में पैदा होने लगाती है।
(2) – दूसरो का पैसा या हक मारना। मतलब जो पैसा या हक किसी और का है उसे चालाकी से ले लेना। आजकल बहुत से नेता – अधिकारी – व्यापारी इस काम में बहुत धड़ल्ले से लगे हुए है। उन्हें पता नहीं है की ऐसी काली कमाई दोगुना खर्च कराती है और साथ ही ढेरो समस्याएं भी पैदा करती है।
(3) – कड़वी जबान बोलना। कड़वी जबान बोलने वाले का कोई भी दिल से सगा (अपना) नहीं होता है। कड़वी जबान बोलने वाले के साथ अगर कुछ बुरा हो जाता है तो उसके परिचित लोग भी खुश होते है और जबकि सबसे प्रेम से बोलने वाले के साथ कुछ बुरा हो जाय तो सबको अफ़सोस होता है।
(4) – गन्दगी से रहना। माँ लक्ष्मी को कीमती और महंगा घर या कपडे नहीं चाहिए। घर पुराना हो या नया, आलीशान हो या झोपड़ी इससे कोई फरक नहीं पड़ता बस माँ लक्ष्मी उसमे अपना आवास तभी बनायेंगी जब उसमे साफ सफाई होगी। आदमी को रोज नहाना चाहिए और नियम से अपने दातो, बालो और नाखुनो की सफाई करना चाहिए, टॉयलेट से आने के बाद और खाने से पहले हाथ अच्छे से धोना चाहिए और हमेशा साफ़ सुथरे कपडे पहनने चाहिए जिससे दिमाग में हमेशा साफ सुथरे विचार उत्पन्न हो।
(5) – जिस घर में बार – बार और रोज – रोज खाने – पीने का सामान कूड़े में फेका जाता है उस घर के लोग कभी सुखी रह ही नहीं सकते क्योकि अन्न का अपमान साक्षात ईश्वर का अपमान है। और जितने सामानो (फर्नीचर, कपड़े, गहने, वाहन आदि) की वाकई में आपको जरुरत हो उतने ही सामान को आप अपने घर में खरीद कर रखे। अन्यथा जरुरत से ज्यादा सामान खरीदते जाने से मन में बेचैनी और उलझन बढ़ती जाती है।
(6) – सुबह जितना देर से आदमी सोकर उठेगा उतनी ज्यादा मनहूसियत – निराशा मन में महसूस करेगा। शास्त्रो के हिसाब से सुबह उठने का सही समय सुबह 4 बजे का है। कोई भी आदमी सुबह 4 बजे उठकर ताजे पानी से नहा ले और थोड़ा सा प्राणायाम योगासन कर भगवान का नाम जप कर ले तो वह खुद ही देखेगा की पूरे दिन भर उसे कितना अच्छा – अच्छा सा महसूस हो रहा है। रात को सोने का सही समय 9 बजे का है। असली फायदेमंद नींद रात 12 बजे के पहले की होती है। अमेरिका के राष्ट्रपति जूनियर बुश अति व्यस्त होने के बावजूद भी रात को ठीक 9 बजे तक सो जाते थे और सुबह 4 बजे तक उठ जाते थे। इस तरह समय से सोने – जगने से ब्रेन की कार्य क्षमता बढ़ती है।
(7) – आजकल बहुत से लोग हर समय गन्दी बातो और कामो में व्यस्त रहते है जो की भगवान के द्वारा दी गयी बेशकीमती जीवन की साँसों की केवल और केवल बर्बादी है। ऐसे लोगो को तब होश आता है जब उनका बूढ़ा – कमजोर शरीर अपने जीवन की अंतिम सांसे गिनते हुए अपनी मौत का इन्तेजार करता है और ये सोच – सोच कर रोता है की इतना लम्बा जीवन मिला लेकिन पूरा जीवन सिर्फ गन्दी सोच और गंदे काम कर करके ही बर्बाद कर दिया।
(8) – आजकल के बहुत से लोगो को पता ही नहीं कि हमारे धर्म ग्रंथो में माता पिता को भगवान से भी बढ़कर बताया गया है। माता पिता अच्छे हो या बुरे, स्वस्थ हो या बीमार हर हाल में उनकी सेवा सहायता करना ही चाहिए। आजकल के माता पिता को भी ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे उन्हें उनके बच्चो के आगे शर्मिन्दा होना पड़े | जो बच्चे अपने माता पिता के साथ हर समय झगड़ा लड़ाई या उनका अपमान करते है या दिखावटी, आधा – अधूरा ख्याल रखते है या अपनी नौकरी या बिज़नेस की वजह से समय की कमी बताते हुए सही से ख्याल नहीं रखते वो लड़के 100 % गारंटी है की अपनी जिंदगी में कभी – कभी – कभी खुश रह ही नहीं सकते है। ऐसी औलाद कुछ देर के लिए दुनिया के नजर में खुश दिख सकती है पर उन्हें अन्दर ही अन्दर हमेशा बेचैनी और तनाव निश्चित ही बना रहता है क्योकी जिसने अपने मा बाप का दिल दुखाया उसने सारे देवता और भगवान का दिल दुखाया है और जिसने मा बाप के दिल को ख़ुशी पहुचाई उसने बिना किसी पूजा – पाठ – व्रत – तीर्थ स्नान – मंदिर दर्शन के सारे देवता और भगवान को खुश कर दिया | मा बाप का रोज – रोज दिल से ख्याल करने वाले ऐसे महान व्यक्ति पर चाहे कितनी बड़ी से बड़ी विपत्ती पड़ जाय वो हमेशा अन्त में उस खतरे से सुरक्षित बच ही जाता है | अगर माँ बाप के अन्दर कोई बुराई भी हो तो, प्रेम से और बेहद समझदारी से उस बुराई को ख़त्म करने के लिए उन्हें समझाना चाहिए जिससे उनके दिल को ठेस ना पहुचे | अपने औलाद के मुह से निकली मामूली सी भी कड़वी जबान मा बाप के दिल को बहुत दर्द पहुचाती है इसलिए औलाद अगर अपने जीवन में सुख चाहता है तो माँ बाप को हमेशा खुश रखने की कोशिश करे और अगर अपने जीवन को नरक बनाना चाहता है तो माँ बाप की परवाह करना छोड़ दे !!
(9) – पर निन्दा करना। हमारे शास्त्रो में खुद की तरक्की में एक बड़ी रूकावट बताई है दूसरो की निन्दा करना यानि बुराई करना। किसी बुरे आदमी की भी बुराई करना गलत है। हर समय दूसरे की बुराई, खिचाई, कमेन्ट, ताना मारने या मजाक उड़ाने वाले के पास माँ लक्ष्मी लम्बा टिक ही नहीं सकती।
(10) – अगर आप नास्तिक है लेकिन गरीब दुखी लोगो की सहायता करते है तो भी आप भगवान की ही पूजा करते है। लेकिन अगर आप ना तो भगवान को याद करते है और ना ही किसी दीन – दुखियारे की मदद करते है और जो भी कमाते है उसे सिर्फ अपने और अपने बीवी बच्चो के भोग विलास पर खर्च करते है तो 100 % पक्का जानिए कि ऐसा लम्बा नहीं चलने वाला !! क्योंकि आपके पूर्व जन्मो के भोग ही ऐसा चलने नहीं देंगे। लोग इस सच्चाई को जानकर भी अनजान बनते है की मानव शरीर केवल इसलिए नहीं मिला की हम भी अन्य जानवरो की तरह केवल भोजन मकान और बच्चे पैदा करने तक में ही बंधकर पूरा जीवन बिता दे। बल्कि मानव शरीर मिलने का अंतिम लक्ष्य है कि जन्म मरण के बंधन से मुक्ति पाकर मोक्ष पाना। मोक्ष मिलने पर अपरम्पार ख़ुशी मिलती है। मोक्ष पाने के सबसे आसान तरीको में से है की रोज कुछ ना कुछ नर सेवा और नारायण सेवा किया जाय। नर सेवा मतलब – माता पिता, गरीब आदमी और निर्दोष पशु पक्षियों का ख्याल रखना, और नारायण सेवा मतलब भगवान को लगातार याद करना या भगवान के किसी भी नाम को लगातार मन में या मुह से बोलना जपना । अगर कोई आदमी अधिक से अधिक भगवान का नाम जप करे तो अपने आप धीरे -धीरे उसकी सारी बुरी आदते – लत छूट जाती है और साथ ही साथ सारी अच्छी आदते उसके अन्दर आ जाती है। और इतना ही नहीं अगर कोई आदमी अपने किसी परिचित की बुरी आदतो से बहुत परेशान हो तो वो उसकी बुरी आदतो को छुड़वाने के लिए भी भगवान से सच्चे दिल से प्रार्थना करे और नियमित भगवान के नाम का भजन या जप करे तो दूसरे आदमी की बुरी आदतो में सुधार आता देखा गया है। परमपिता भगवान की दया और शक्ति अंत हींन है। नर सेवा और नारायण सेवा करने से पूर्व जन्मो के भोग और दुर्भाग्य तेज़ी से मिटते है और जीवन के सारे दुःख खत्म होकर सिर्फ खुशिया ही खुशिया मिलती है।
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