बाहुबली बना सकता है, भारतीय देशी गाय माता का छाछ
बाजार में बिकने वाले कीट नाशक मिश्रित कोल्ड ड्रिंक्स की तुलना, भारतीय देशी गाय माता के दूध से बने छाछ से, वैसे ही है जैसे विष की तुलना अमृत से की जाय ! जहाँ कीट नाशक मिश्रित कोल्ड ड्रिंक्स धीरे धीरे नपुन्सकता पैदा करती है वहीँ छाछ पुरुषत्व के अलावा सैकड़ों अन्य प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष फायदे प्रदान करती है !
आज भारत के हर चौथे घर में एक मौत कैंसर से हो रही है और कैंसर के बढ़ते इस साम्राज्य के पीछे सबसे बड़ा कारण यही मानसिकता है कि, ये सोच कर गलत खान पान और आदतों को चालू रखना की सभी तो यही करते हैं ! गलत खान पान और आदतों को चालू रखने वाले हर आदमी निश्चित तकलीफ भोगेंगे बस जब तक की उनकी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जवाब ना दे दे !
भारतीय देशी गाय माता (mother cow) के छाछ का नियमित सेवन पूरे शरीर का कायाकल्प करने में सक्षम है जो इसके हजारों औषधीय गुणों को प्रदर्शित करता है !
आइये जानते हैं उन्ही फायदों में से कुछ के बारें में –
– दूध दही की तरह भारतीय देशी गाय माता का छाछ, सभी यौन रोगों की एक बढियां दवा और यौन शक्ति (वीर्य व रज) बढ़ाने वाला एक अति उत्तम रसायन भी है ! छाछ का नियमित सेवन करने से बुढ़ापा देर से आता है, आँखों की रोशनी व कानों की श्रवण शक्ति तेज होती है, चेहरे व शरीर की झुर्रियां मिटती हैं, बाल काले बने रहते हैं, दांत मजबूत होते हैं, ह्रदय, फेफड़े, किडनी आदि महत्वपूर्ण अंग मजबूत बनते हैं ! नियमित पीने से शूगर कंट्रोल होती है ! शरीर की फुर्ती बढ़ती है ! गलत खान पान और गलत आदतों से दूरी बनाकर छाछ का नियमित सेवन किया जाय तो दुर्बल से दुर्बल आदमी भी बाहुबली बन सकता है ! ये महिमा सिर्फ और सिर्फ भारतीय देशी गाय माता के दूध से बने छाछ की है, ना कि जर्सी गाय या भैंस के !
– नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन 1,000 से 1,200 एमजी कैल्शियम लेना चाहिए। 9 से 13 साल के बच्चों के लिए यह मात्र 1,300 एमजी बताई गई है। यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएंट डाटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक एक कप छाछ में 284 एमजी कैल्शियम होता है !
– छाछ और दूध में लगभग एक समान ही प्रोटीन की मात्र पाई जाती है। छाछ में 8.11 एमजी प्रोटीन है जबकि दूध में 8.26 एमजी ।
– यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएंट डाटाबेस के मुताबिक छाछ में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी की भरपूर मात्र पाई जाती है। इसके साथ ही छाछ में आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक आदि खनिज पदार्थ भी पाए जाते हैं।
– नींद न आने से परेशान रहने वाले लोगों को दही व छाछ का सेवन करना चाहिए।
– छाछ में हेल्दी बैक्टीरिया और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, साथ ही लैक्टोज शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे शरीर तुरंत ऊर्जावान हो जाता है।
– अगर कब्ज की शिकायत बनी रहती हो तो अजवाइन मिलाकर छाछ पीएं।
– लगातार हिचकी आने पर मट्ठे में बहुत थोड़ा सा सौंठ डालकर सेवन करें।
– उल्टी होने पर मट्ठे के साथ थोड़ा सा जायफल घिसकर चाटें।
– गर्मी में रोजाना दो समय पतला मट्ठा लेकर उसमें भूना जीरा मिलाकर पीने से गर्मी से राहत मिलती है।
– मट्ठे में आटा मिलाकर लेप करने से झुर्रियाँ कम पड़ती हैं।
– मुंहासे होने पर गुलाब की जड़ मट्ठे में पीसकर मुंह पर लगानी चाहिए।
– पैर की एड़ियों के फटने पर मट्ठे का ताजा मक्खन लगाने से आराम मिलता है।
– सिर के बाल झड़ने पर बासी छाछ से सप्ताह में दो दिन बालों को धोना चाहिए।
– मोटापा अधिक होने पर छाछ को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीना चाहिए।
– पेट की सफाई के लिए गर्मियों में पुदीना मिलाकर लस्सी बनाकर पीएं।
– जिन लोगों को खाना ठीक से न पचने की शिकायत होती है, उन्हें रोजाना छाछ में भुने जीरे का चूर्ण, काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक का चूर्ण समान मात्रा में मिलाकर धीरे-धीरे पीना चाहिए।
– यदि आप डाइट पर हैं तो रोज एक गिलास मट्ठा पीना न भूलें। यह लो कैलोरी और फैट में कम होता है।
– गर्मी में छाछ पीने से लू नहीं लगती। लग जाए तो छाछ पीना शुरू कर दें।
– गर्मी के कारण अगर दस्त हो रही हो तो बरगद की जटा को पीसकर और छानकर छाछ में मिलाकर पीएं। छाछ में मिश्री, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर रोजाना पीने से एसिडिटी जड़ से साफ हो जाती है।
– नियमित मट्ठा या दही की पतली लस्सी पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।
– उच्च रक्तचाप होने पर गिलोय का चूर्ण मट्ठे के साथ लेना चाहिए।
– अत्यधिक मानसिक तनाव होने पर छाछ का सेवन लाभकारी होता है।
– जले हुए स्थान पर तुरंत छाछ या मट्ठा मलना चाहिए।
– विषैले जीव-जंतु के काटने पर मट्ठे में तम्बाकू मिलाकर लगाना चाहिए।
– कहा जाता है किसी ने जहर खा लिया हो तो उसे बार-बार फीका मट्ठा पिलाना चाहिए। परंतु डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
– अमलतास के पत्ते छाछ में पीस लें और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। शरीर की खुजली नष्ट हो जाती है।
[नोट – दही व छाछ का सेवन सूर्यास्त के बाद नहीं करतें हैं ! यहाँ पर दिए गए सारे फायदे सिर्फ और सिर्फ भारतीय देशी गाय माता से प्राप्त होने वाले सभी अमृत तुल्य वस्तुओं (जैसे- गोबर, मूत्र, दूध, दही, छाछ, मक्खन आदि) के हैं, ना कि भैंस के या वैज्ञानिकों द्वारा सूअर के जीन्स से तैयार जर्सी गाय से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के]
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !