जैसे सागर रत्नों का भण्डार है वैसे दही पौष्टिकता का भण्डार है
जैसे समुद्र अपने गर्भ में ना जाने कितने रहस्यमय रत्न छुपाये रखता है वही हाल देशी गाय माता के दही का है !
सागर के अनगिनत रत्नों में से कुछ रत्न उसके मंथन के बाद दिखाई दिए उसी तरह दही के मंथन के बाद अति बहुमूल्य मक्खन और छाछ प्राप्त होता है !
हालाँकि इस छाछ और मक्खन को दुबारा मिला दिया जाय तो दही वापस नहीं मिलेगी !
अगर आदमी डाईबिटिज का मरीज हो तो भी वो रोज एक कटोरी दही दोपहर के खाने के साथ काला नमक मिलाकर खा सकता है !
जाड़े के मौसम में दोपहर का खाना 12 बजे के बाद नहीं खाना चाहिए और जाड़े में भी दही का सेवन आराम से किया जा सकता है !
आईये जानते हैं भारतीय देशी गाय माता के दूध से बनी दही के कुछ फायदे –
– दही साक्षात् पौष्टिकता का समुद्र है ! जो लोग किसी कारण से दूध नहीं पी सकते उन्हें दही जरूर खाना चाहिए ! रोज 1 कटोरी दही खाने से शरीर के लिए जरूरी लगभग सारे आवश्यक प्रोटीन विटामिन्स मिनरल्स और अन्य तत्व मिलते रहते हैं | दही खाने से मोटापा बिल्कुल नही बढ़ता क्योंकि दही में कैल्शियम खूब मात्रा में होता है जिससे अनावश्यक वजन घटता है | दही को वातावरण के तापमान पर खाना चाहिए ना की ठंडा या गरम ! दही को कभी भी सूर्यास्त के बाद नहीं खाना चाहिए नहीं तो यही दही नुकसान करती है |
– देशी गाय माता का दही ह्रदय की कार्य क्षमता बढ़ाती है और ह्रदय को हमेशा जवान बनाये रखती है | दही में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता है। यह हमारे रक्त में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकती है जिससे वह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित न करे और हार्ट बीट सही बनी रहे।
– देशी गाय माता का दही पुरुषों के पुरुषत्व और स्त्रियों के स्त्रीत्व को बढाती है | यह वीर्य को गाढ़ा करती है और यौनांग की शिथिलता को दूर करके उत्तेजना पैदा करती है !
– दही रोज खाने से त्वचा की चमक लम्बे समय तक बनी रहती है और जल्दी झुर्रीयां नहीं पड़ती है | पुरानी त्वचा के टूट फूट की मरम्मत की प्रक्रिया को तेज कर देती है दही जिससे त्वचा में एक ओज हमेशा बना रहता है !
– दही पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाए रखने में बहुत ही कारगर सिद्ध होता है। दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती ।
– दही में सुपाच्य प्रोटीन एवं लाभकारी जीवाणु होते हैं, जो क्षुधा को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
– दही का स्वास्थ्य के साथ-साथ सौंदर्य निखारने में भी महत्वपूर्ण स्थान है। चेहरे की त्वचा और बालों पर दही लगाने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। दही चेहरे, गर्दन व बाजू आदि के सौंदर्य को तो निखारता ही है, साथ ही यह बालों को पोषण देने में भी बहुत सहायक है। दही में बेसन मिलाकर लगाने से त्वचा में जबरदस्त निखार आता है। मुंहासे दूर होते हैं।
– दही में कैल्शियम की मात्रा काफी पाई जाती है, जो हमारे शरीर में हड्डियों का विकास करती है। दांतों एवं नाखूनों की मजबूती एवं मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी सहायता करती है। बढ़ती उम्र में दही हड्डियों को खोखला होने से बचाती है।
– नींद न आने से परेशान रहने वाले लोगों को दही व छाछ का सेवन करना चाहिए।
– दही में शहद मिलाकर चटाने से छोटे बच्चों के दांत आसानी से निकलते हैं।
एक पुरानी कहावत है – जो खाए चना वो रहे बना, जो पीवै दही वह रहे सही ||
[नोट – सांस -फेफड़े से सम्बंधित या अन्य कोई कठिन रोग होने पर चिकित्सक की सलाह से दही का सेवन करें ! छाछ व दही का सेवन सूर्यास्त के बाद नहीं करतें हैं ! यहाँ पर दिए गए सारे फायदे सिर्फ और सिर्फ भारतीय देशी गाय माता से प्राप्त होने वाले सभी अमृत तुल्य वस्तुओं (जैसे- गोबर, मूत्र, दूध, दही, छाछ, मक्खन आदि) के हैं, ना कि भैंस के या वैज्ञानिकों द्वारा सूअर के जीन्स से तैयार जर्सी गाय से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के]
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !