सैकड़ो कठिन बीमारियों का करे इलाज भारतीय देशी गाय माता का मक्खन
मक्खन के बारे में आजकल के डॉक्टर्स ने बहुत अफवाह फैला रखी है की इसमें हाई कैलोरीज़ है इसलिए हानिकारक है जबकि भारतीय देशी गाय माता के दूध का मक्खन सैकड़ों चमत्कारी गुणों की खान है !
जहाँ विदेशी जर्सी गाय (जिसे आप डूकर या सूअर गाय भी कह सकते हैं क्योंकि ये सूअर के जीन्स से वैज्ञानिकों ने विकसित किया है ज्यादा दूध देने के लिए) और भैंस का मक्खन फायदेमंद के बजाय नुकसान दायक होता है वही भारतीय देशी गाय का मक्खन अमृत के समान होता है और सैकड़ो बीमारियाँ ठीक करता है !
दही को मथ कर छाछ बनाते समय मक्खन निकलता है। मक्खन को तपाकर ही घी निकाला जाता है। यहाँ पर दिए गए सारे फायदे सिर्फ भारतीय देशी गाय माता के मक्खन के हैं !
आइये जानते है सन्तुलित मात्रा में खाए जाने वाले मक्खन के चमत्कारी फायदे (Benefits of Indian Breed cow’s butter, Desi cow mother’s butter or Makkhan advantages)–
– मक्खन ब्रेन के विकास और याददाश्त बनाये रखने में बहुत सहयोग करता है ! दिमाग को ठंडक पहुचाता है और क्रोध को शांत करता है |
– मक्खन वृष्य, वर्ण को उत्तम करने वाला, बलकारी, अग्नि प्रदीपक, ग्राही और वात, पित्त, रक्त विकार, क्षय, बवासीर, लकवा तथा खांसी को नष्ट करता है।
– मक्खन शारीरिक क्षमता बढ़ाने और पेट संबंधित सभी रोगों को दूर करने में सहायक होता है।
– मक्खन में मधु और मिश्री मिलाकर खाने से कई रोगों में लाभ मिलता है।
– आंखों में जलन हो तो गाय का मक्खन ऊपर से चुपड़ लें, आराम मिलेगा।
– मेडिकल रिसर्च काउंसिल के शोध के अनुसार, जो लोग मक्खन का सेवन करते हैं उन्हें दिल के रोगों का रिस्क आधा हो जाता है। इनमें विटामिन ए, डी, के2 और ई के अलावा लेसिथिन, आयोडीन और सेलेनियम जैसे तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
– भारतीय देशी गाय के दूध का मक्खन संतुलित मात्रा में खाने से मोटापा घटता है !
– मक्खन में मौजूद फैटी एसिड- कौंजुलेटेड लिनोलेक एसिड कैंसर से बचाव में बहुत मददगार है। यह एसिड ट्यूमर से लेकर कैंसर तक के उपचार में मददगार हो सकता है।
– मक्खन में विटामिन्स, मिनिरल्स और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। दांतों और हड्डियों से जुड़े रोगों, खासतौर पर ओस्टियोपोरोसिस के उपचार में इसका सेवन फायदेमंद है।
– मक्खन में आयोडीन अच्छी मात्रा में होता है जो थायरॉइड के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए भी थायरॉइड ग्लैंड को मजबूत बनाता है।
– मक्खन में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स फेफड़ों की मदद करते हैं और दमा के मरीजों के लिए भी इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।
– मक्खन बालक और वृद्ध सबके लिए हितकारी है। बच्चों के लिए तो मक्खन अमृत की तरह है।
– कहीं जल जाने पर मक्खन लगाना बहुत फायदेमंद है !
– ताजे मक्खन के शिशु के शरीर पर मालिश करके आधा घण्टा सुबह की धूप में लिटाने से उसे सूखा रोग नहीं होता।
– मुख पर रोजाना मक्खन लगाकर मालिश करने और आधे घण्टे बाद कुनकुने गर्म पानी से धो डालने से चेहरे की त्वचा का रंग साफ होता है, फुंसी मुँहासे या झाइयाँ हो गई हों तो ठीक हो जाती हैं।
– दुबले बच्चों, युवक-युवतियों को प्रतिदिन मक्खन-मिश्री 1-1 चम्मच या अपनी पाचन शक्ति के अनुसार सुबह खाली पेट खाना चाहिए। देर का रखा हुआ, खट्टा और दुर्गन्धित मक्खन सेवन योग्य नहीं होता।
– यक्ष्मा (टी.बी.) से ग्रस्त रोगियों के लिए मक्खन खाना लाभदायक होता है।
– मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से हाथ-पैरों की जलन में आराम आता है।
– गाय के दूध का मक्खन और खड़ी शर्करा का सेवन करने से जीर्ण ज्वर (पुराना बुखार) दूर होता है, मक्खन के साथ शहद और सोने के वर्क को मिलाकर खाने से क्षय (टीबी.) रोग में लाभ मिलता है एवं शरीर में शक्ति पैदा होती है।
– गाय के दूध का मक्खन और तिल का सेवन करने से अर्श (बवासीर) में लाभ होता है।
– मक्खन में शहद व खड़ी शक्कर मिलाकर खाने से खूनी बवासीर ठीक हो जाती है।
– मक्खन, नागकेसर और खड़ी शक्कर मिलाकर खाने से खूनी बवासीर में आराम आता है।
– दही से मक्खन निकाल लें, फिर इसकी छाछ में थोड़ा-सा सेंधानमक और जीरा मिलाकर पीने से अर्श (बवासीर) रोग ठीक हो जाता है।
– गाय के दूध का मक्खन आंखों पर लगाने से आंखों की जलन दूर हो जाती है।
– यदि खुरासानी अजवायन का दूध या भिलावा आंख में पड़ गया हो तो गाय के दूध के मक्खन का आंख में काजल लगाने से आंखों की जलन ठीक हो जाती है।
– लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग स्वर्ण बसन्त मालती सुबह-शाम मक्खन-मिश्री के साथ सेवन करने से आंख आना, आंखों में कीचड़ जमना, आंखों की रोशनी कमजोर होना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
– मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।
– मक्खन को बच्चों के मसूढ़ों पर मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।
– लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग यशद (जस्ता) भस्म (राख) को मक्खन, मलाई या शहद के साथ सुबह और शाम को दें। इसे आंख में लगाने से पैत्तिक, पित्त से पैदा हुआ रतौंधी (रात में न दिखाई देना) रोग दूर होता है।
– चिरमी के फूल का चूर्ण बनाकर इसके चूर्ण को घी या मक्खन में मिलाकर छालों पर लगायें। इसको रोजाना 2 से 3 बार छालों पर लगाने से छाले जल्द खत्म हो जाते हैं।
– कालीमिर्च का चूर्ण बनाकर मक्खन में मिला लें तथा रोज सुबह खायें। इसके रोजाना प्रयोग से हकलाना बन्द हो जाता है।
– दिन में 3 से 4 बार मक्खन में चीनी मिलाकर चाटने से जीभ के कारण होने वाला तुतलापन ठीक होता है।
– गाय के मक्खन में शहद मिलकर चाटने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) ठीक हो जाता है।
– पेचिश के रोगी को मक्खन को चाटकर ऊपर से छाछ (लस्सी) पिलाने से लाभ मिलता है।
– 7 दिन तक मक्खन तथा उड़द के भल्ले खाने से मुंह का लकवा ठीक हो जाता है।
– लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग मक्खन या मलाई के साथ 10 ग्राम छोटी चान्दड (सर्पगंधा) सोते समय रोगी को देने से नींद अच्छी आती है।
[नोट – मक्खन को हमेशा ताजा ही प्रयोग करना चाहिए मक्खन में थोड़ा अंश पानी व सूक्ष्म मात्रा में केसीनोजिन होता है अतः अधिक देर तक रखा रहने पर इसमें से दुर्गन्ध आने लगती है। बासी मक्खन खारा, चटपटा और खट्टा हो जाने से वमन, बवासीर, चर्म रोग, कफ प्रकोप, भारी और मोटापा करने वाला होता है अतः बासी मक्खन सेवन योग्य नहीं। बाजार में बिकने वाले कई कई दिन पुराने मक्खन जिन्हें केमिकल मिलाकर सड़ने से बचाया जाता है, ऐसे मक्खन से परहेज करना चाहिए ! यहाँ पर दिए गए सारे फायदे सिर्फ और सिर्फ भारतीय देशी गाय माता से प्राप्त होने वाले सभी अमृत तुल्य वस्तुओं (जैसे- गोबर, मूत्र, दूध, दही, छाछ, मक्खन आदि) के हैं, ना कि भैंस के या वैज्ञानिकों द्वारा सूअर के जीन्स से तैयार जर्सी गाय से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के]
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