गठिया और स्याटिका (घुटने व कमर दर्द) के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स
कहने को तो गठिया कोई खतरनाक बिमारी नहीं है और लगभग हर अनियमित दिनचर्या जीने वाले को ढलती उम्र में हो ही जाता है पर इस बिमारी के उग्र रूप पकड़ने पर जो भयंकर दर्द होता है की कोई भुक्त भोगी ही जान सकता है !
आजकल के मॉडर्न एलोपैथिक साइंस में इस बिमारी का कोई परमानेंट इलाज है ही नहीं और टेम्परेरी आराम के लिए जो पेन किलर्स और अन्य दवाएं दी जाती हैं उनके खतरनाक लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स होते हैं !
इसलिए अगर किसी को गठिया और स्याटिका (acupressure points for rheumatism, acupressure points for sciatic nerve pain) से परमानेंट आराम चाहिए तो उसे भारतीय प्राचीन विद्या, योग और आयुर्वेद की शरण में ही आना चाहिए !
उचित योगासन के साथ उचित आयुर्वेदिक दवा खाते हुए अपनी दिनचर्या में से गलत आदतों को भी हटाना बहुत जरूरी है !
आयुर्वेद कहता है की शरीर के जितने भी जॉइंट्स (जोड़) होते हैं उन सब में दर्द तभी होता है जब उनसे सम्बंधित शारीरिक वायु (सन्धिवात) कुपित हो जाती है और कुपित वायु को ठीक करने का सबसे तेज, सबसे प्रभावी और सबसे सुरक्षित उपाय है प्राणायाम !
गठिया और स्याटिका की बिगड़ी से बिगड़ी अवस्था में भी आधा घंटा कपाल भाति प्राणायाम और 15 – 20 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से चमत्कारी लाभ मिलता है ! प्राणायाम सिर्फ और सिर्फ सही तरीके से करना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से प्राणायाम करने से फायदा की बजाय नुकसान मिलता है (प्राणायाम को एकदम सही से करने का तरीका आप इसी वेबसाइट के प्राणायाम सेक्शन में पा सकते हैं) !
आयुर्वेदिक दवाओं में श्री बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की योगराज गुग्गुल, महा योगराज गुग्गुल, पीड़ान्तक वटी आदि को वैद्कीय परामर्श से लिया जा सकता है ! ये दवाएं भी बहुत फायदा हैं गठिया के दर्द में !
आयुर्वेद की ही मर्दन विद्या (मालिश) का बिगड़ा और बहुत छोटा रूप है एक्यूप्रेशर ! मर्दन विद्या में विभिन्न औषधीय तेलों से विभिन्न तरीकों से शरीर पर मर्दन (मालिश) किया जाता था जिससे विभिन्न लाइलाज रोगों में चमत्कारी लाभ मिलता था ! स्वयं बने गोपाल समूह से जुड़े कुछ स्वयं सेवी, सम्मानीय, शोधकर्ता दिन रात लगातार युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे है कि मुगलों और अंग्रेजों के बार बार आक्रमणों से नष्ट हुए भारतवर्ष के अति दुर्लभ प्राचीन ज्ञान को फिर से दुनिया के सामने लाने की !
मर्दन विद्या के कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (ऊपर दिखाए गए 3 चित्र में) हैं जिन पर प्रेशर देने से गठिया और स्याटिका में काफी आराम मिलता है ! प्रेशर देते समय थोड़ा सा लहसुन से उबाला हुआ सरसों तेल मलने से विशेष लाभ मिलता है !
शरीर की वायु कुपित करने वाले खाने के सामान (जैसे – खट्टी चीजें आदि) का परहेज करने पर जल्दी लाभ मिलता है !
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