जरूरत से कम खाना मतलब असमय बुढ़ापा
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने शरीर को स्लिम ट्रिम (दुबला पतला या छरहरा) रखने के लिए स्ट्रिक्ट डाइटिंग (खाने का परहेज) करते हैं ! ऐसे लोगों को अपना फिगर मेन्टेन्ड रखने का ऐसा नशा होता है की ये अपने खाने की खुराक को खतरनाक स्तर तक कम कर देते हैं जिससे उनके शरीर को आवश्यक पोषण मिलना बन्द हो जाता है और पोषण का कई दिनों का लम्बा अभाव, असमय बुढ़ापे को निमंत्रण देता है !
कोई बहुत वृद्ध हो तो उसे अल्पाहार (कम खाना) ही करना चाहिए क्योंकि वृद्धा अवस्था में शारीरिक मेहनत बहुत कम हो जाती है तथा शरीर की पाचन प्रक्रिया कमजोर हो जाती है जिससे ज्यादा मात्रा में खाना या गरिष्ठ खाना पच भी नहीं पाता है ! पर शरीर युवा या बालक हो तो कम मेहनत के बावजूद एक सामान्य खाने की खुराक जरूरी होती ही है क्योंकि युवा, बालक या प्रौढ़ा अवस्था तक शरीर के मेंटेनेन्स के लिए कुछ मिनिमम पोषण और कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है और अगर ये पोषण नहीं मिले तो शरीर अन्दर ही अन्दर कमजोर और निस्तेज होने लगता है !
निस्तेज चेहरे को तो मेकअप से कुछ देर के लिए छुपाया जा सकता है पर कमजोर शरीर का क्या उपाय है ?
ऐसे लोगों का शरीर अचानक से बूढा होने लगता है, हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे छोटी बड़ी कोई ना कोई बिमारी लगी ही रहती है !
ऐसे लोगों की जब आँख खुलती है और उन्हें समझ आता है की खाना घटाकर स्लिम शरीर पाने की चाहत ने उनका कितना अपूर्णनीय नाश किया है तब तक थोड़ी देर हो चुकी होती है क्योंकि तब वे चाहकर भी अपनी खुराक नहीं बढ़ा पाते क्योंकि शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता है ! ऐसे में उन्हें अपने शरीर को वापस सुधारने में अथक मेहनत और सावधानी करनी पड़ती है !
आयुर्वेद में एक बैलेंस डाईट में हर चीज की उचित मात्रा को आवश्यक बताया है जैसे की थोड़ी सी चिकनाई (घी तेल आदि से प्राप्त वसा) भी बेहद जरूरी है खाने में ! रोज दूध भी जरूरी है चाहें तो मलाई निकाल कर तथा पानी मिलाकर ले सकते हैं ! दही भी बहुत फायदेमंद चीज है और डाइबिटिज होने पर काला नमक मिलाकर ले सकते हैं ! इसके अलावा हरी सब्जियां, फल आदि का भी अधिक से अधिक समावेश करना चाहिए !
आदमी रोज रोज कम खाना खाये तो खतरा और जरूरत से ज्यादा खाये तो भी खतरा, इसलिए एक बैलेंस डाईट रखनी चाहिए | सभी खायी पी गयी चीजें, देह को अच्छे से लगे इसलिए रोज कम से कम आधे घंटे की कड़ी मेहनत की एक्सरसाइज भी अति आवश्यक है !
स्वस्थ तो बिना खाने के भी रहा जा सकता है, बशर्ते की व्यक्ति की दिनचर्या योगियों वाली हो ! एक योगी जैसे जैसे अपनी साधना में आगे बढ़ता जाता है वैसे वैसे उसका खाना पीना सब कम होता जाता है और चरम अवस्था में तो सांस लेने की भी जरूरत नहीं पड़ती !
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे एक्स (ट्विटर) पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !