बड़े पैमाने पर हो रही इन साजिशों को समझना बहुत जरूरी है
जैसा हमेशा दिखता है क्या हमेशा वैसा ही होता हैं ? उस लिहाज से बिजली के तारों के ऊपर तो कुछ भी नहीं दिखता तो उसे छूने पर जान लेवा झटका क्यों लगता है | उसी तरह हवा में तो कुछ भी नहीं दिखाइ देता, पर मोबाइल, टी वी, रेडियो आदि कैसे इन अदृश्य किरणों को पकड़ कर आवाज और चित्र पैदा करने लगते हैं ? मरने के बाद कौन सी अदृश्य (न दिखने वाली) चीज शरीर से बाहर निकल जाती है की शरीर में सारे अंग होते हुए भी शरीर को मरा हुआ कहते हैं ? या शरीर के अन्दर कौन सी ऐसी अदृश्य चीज होती है जो शरीर के कई अंग कट कर निकल जाने के बाद भी शरीर को जिन्दा रखे रखती है ?
तो ये साबित होता है कि ऐसी सैकड़ों बातें और काम रोज के होते हैं जिन पर हम, हमेशा गायब रहने वाली चीजों के भरोसे रहते हैं !
जो ये भी दिखाता है कि हम सिर्फ केवल उन्ही चीजों को सच नहीं मानते जिन्हें हम देख सकते हैं !
फिर से ध्यान से सुनने और समझने वाली बात है कि हम केवल उन्ही चीजों को सच नहीं मानते जिन्हें हम देख सकते हैं !
तो फिर क्यों हम कुछ मामले में जो सामने देखते हैं उसी पर तुरन्त भरोसा कर लेते हैं ? या अपनी बुद्धि का तार्किक इस्तेमाल क्यों नहीं करते कि जो हम देख रहें हैं वो वाकई में कितना सत्य हैं या जिसे हम देख रहे हैं उसे जानबूझकर हमें सत्य बनाकर दिखाया तो नहीं जा रहा है ?
इस तरह के झूठे सत्य को सत्य मानकर चलना खुद के लिए ही नहीं कई बार पूरे समाज के लिए बहुत घातक हो सकता है !
सत्य को बार बार झूठे सबूतों से गलत साबित करने की कई तरह की साजिशें बड़े पैमाने पर हो रही है हमारे परम आदरणीय हिन्दू धर्म के खिलाफ !
बहुत सोच समझ कर पूरी योजनाबद्ध तरीके से एक मिशन, या यों कहें एक आन्दोलन के तहत, हिन्दू धर्म पर चोट पहुचाई जा रही है !
ये शैतानी खोपड़ियाँ इतनी समझदार हैं कि ये सीधे हिन्दू धर्म के खिलाफ कुछ नहीं बोलती बल्कि हिन्दू धर्म में दुष्टो के द्वारा फैलाइ गयी कुरीतियों का सहारा लेकर, टेलीविजन सीरियल्स, फिल्म, बिकाऊ न्यूज़ चैनेल्स और अखबार के माध्यम से पूरे हिन्दू धर्म को जोर शोर से बदनाम कर रही हैं !
कई बिकाऊ प्रसिद्ध हीरो हिरोइंस के द्वारा ऐसी मूवी बनाई जा रही हैं जिसे देख कर हिन्दू लोगों को हिन्दू धर्म से नफरत पैदा होने लगे !
ये खुरापाती लोग बार बार ये साबित करना चाहते हैं कि हिन्दू धर्म मतलब सिर्फ अन्धविश्वास, पाखण्ड, ढोंग का पिटारा | वयस्क हिन्दू तो थोड़ा बहुत इन साजिशों को समझ लेते हैं पर नयी पीढी के बच्चे तो पूरी तरह से कन्फ्यूज्ड (भ्रमित) हो जाते हैं की टी वी में जो दिखाया जा रहा है वो सही है की जो अपना दिल जो कह रहा है वो सही है !
अरे किसी भी हिन्दू ने अगर अपने पूरे जीवन में कभी भी 5 मिनट के लिए सच्चे दिल से भगवान का भजन या पूजा की हो तो उसे पक्का पता होगा कि उस 5 मिनट की सच्ची पूजा में कितना अभूतपूर्व आनन्द होता है जो लाखों करोड़ो रूपए खर्च करने पर नहीं मिल सकता !
तो यही है हर हिन्दू के दिल की आवाज जिसे बार बार खुरापाती लोग कई तरह के भ्रामक सबूतों से झुठलाना चाहते हैं !
इसी साजिश का एक हिस्सा है, हिन्दू साधुओं को फर्जी सबूतों और फर्जी गवाहों के आधार पर चरित्र हीन साबित करना और बिकाऊ न्यूज़ चैनेल्स और अख़बारों के मुंह में पैसा ठूस कर इस खबर को बार बार कई महीनों तक दिखवाना !
ऐसा नहीं है की कोई भी आदमी, साधू के लाल कपड़ों में हो तो वो साधू ही है, जैसे इस कलियुग में हर चीज में मिलावट हुई है उसी तरह हिन्दू धर्म में भी दुष्ट लोगों ने मिलावट की और कई फर्जी साधू और फर्जी प्रथाएं, रीति रिवाज आदि जोड़े गये हैं और शैतानी लोग इन्ही फर्जी साधुओं और फर्जी प्रथाओं को निशाना बनाकर पूरे हिन्दू धर्म और पूरे साधू समाज को बदनाम कर रहे हैं !
हिन्दू धर्म के अलावा अन्य धर्म भी हैं पर लोग क्यों इतनी दबी जबान से उनमे व्याप्त बुराइयों की चर्चा करते हैं | क्या अन्य धर्म के धर्म गुरु सब साफ़ पाक हैं ? क्या अन्य धर्मों में किसी अंध विश्वास व गलत रीति रिवाजों की जानबूझकर गलत आदमियों द्वारा मिलावट नहीं की गयी हैं ? तो समाज सुधार के नाम पर बस हिन्दू धर्म की बुराई गिनाना और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाना कहाँ तक उचित हैं |
इतना ही नहीं टी वी सीरियल्स और फिल्मों में अक्सर ये भी दिखाया जाता है कि जो गलत काम करते हैं वे माथे पर तिलक, गले में रुद्राक्ष की माला या जनेऊ, और कपड़ों में कुर्ता धोती पहने हुये रहते हैं और सच्चा काम करने वाला, नेक, जबान का पक्का, वफादार आदमी हिन्दू धर्म के अलावा हमेशा किसी और धर्म का होता है | फिल्मों और टी वी सीरियल्स में तो फैशन हो गया है कि एक्टर्स सच्ची दिमागी शान्ति के लिए और मन्नत पूरी करने के लिए मन्दिर छोड़, दूसरे धर्म की धार्मिक जगहों पर जाते हैं !
हिन्दू धर्म में कई दिव्य, परोपकारी और महान साधू भी हैं पर ऊनकी अच्छाईयां जानबूझकर नहीं दिखाई जाती हैं और उसी तरह मूल हिन्दू धर्म में अनगिनत अच्छी और दुर्लभ बातें हैं पर उन्हें भी जानबूझकर छुपाया जाता है | ये शैतानी ताकतें अपनी बात को सच साबित करने के लिए हिन्दू धर्म से सम्बन्धित कई फर्जी किताबें भी छपवाते हैं और उसका उदाहरण देकर हिन्दुओं के विश्वास को हिलाने की कोशिश करते हैं !
कोई भी इन्सान बिना किसी धर्म के सहारे, लम्बे समय तक सुखी नहीं जी सकता क्योंकि हर आदमी के जीवन में उतार चढ़ाव दोनों आते हैं और जीवन के गहरे दुःख की अवस्था में जब कोई समाधान नहीं समझ में आता है तो निराश आदमी धर्म का सहारा पकड़ता है | आदमी जिन चीजों को पहले बकवास कह कर मजाक उड़ाता है, मुसीबत पड़ने पर वो सारे काम करने में हिचकता नहीं है इसलिए धर्म का कांसेप्ट हर आदमी को क्लियर होना बहुत जरूरी होता है नहीं तो मुसीबत के समय धर्म के फर्जी गुरुओं द्वारा ठगा जाता है और इस ठगी से परेशान होकर आदमी पूरे धर्म को ही कोसने लगता है !
अधिकाँश टी वी सीरियल्स और फिल्मों में यही बातें लगातार दिखाना मात्र कोई संयोग नहीं है बल्कि हिन्दुओं का ब्रेन वाश करने का सोचा समझा तरीका है जिस पर विदेशी ताकतें बड़े पैमाने पर पैसा खर्च कर रही हैं | हिन्दुओं का हिन्दू धर्म से नफरत पैदा होने पर उन विदेशी खुरापाती ताकतों को क्या मिलेगा ? इसका उत्तर आज के ज़माने में सब लोग अच्छी तरह से जान चुके हैं, उत्तर सीधा है की कुछ देश और कुछ सभ्यताओं का मानना है की है वो तभी आगे बढ़ेंगे जब दूसरे देश और उनकी मान्यताओं का पतन होगा !
दूसरों के पतन में रुची रखने वाली सभ्यताओं के ज्यादातर अमीर लोग जब अपनी किसी लाइलाज बीमारी के भयंकर दर्द या बुढ़ापे के भय से भयभीत होते हैं तो उन्हें अपने धर्म की विशेष याद आती हैं और आराम पाने के लिए अपने धर्म के धर्म गुरुओं की सलाह पर अपने धर्म के प्रचार पर अरबों रूपए खर्च करतें हैं !
इसके अलावा बहुत सी बड़ी बड़ी बाजारवादी कम्पनियाँ जो सिर्फ अधिक से अधिक पूँजी कमाने को ही अपना लक्ष्य बनाकर चलती हैं तथा भारतवर्ष में जिनके लक्ष्यपूर्ति के बीच में हिन्दू धर्म के आदर्श, नियम कानून बार बार बाधा का काम करते है तो वो कम्पनियां भी ऐसी मनो वैज्ञानिक साजिशें रचती हैं जिससे हिन्दू के मन में हिन्दू धर्म के आदर्शों नियम क़ानून के लिए नफरत पैदा हो !
जैसे हिन्दू धर्म में तामसिक खाना (जैसे -अंडा, मांस, हानिकारक ड्रिंक्स, तम्बाखू आदि) खाना मना है और कोई हिन्दू जब किसी सच्चे साधू के पास जायेगा तो वो साधू भी इन सब चीजों को खाने के लिए मना करेगा पर जैसे ही वो हिन्दू घर वापस आकर टी वी खोलता है तो उसे टेलीविजन पर इन सब चीजों से सम्बंधित ऐसे इमोशनल एडवरटीजमेंट (प्रचार) देखने को मिलतें है जिनमे इन सब चीजों को खाना ही असली बुद्धिमानी और समझदारी दिखाई जाती है (ना की धर्म के चक्कर में पड़कर इनका त्याग करने में), जिससे उसका मन फिर से बदलने लगता है !
असल में भारत एक बहुत बड़ा मार्केट है क्योंकि यहाँ जनसंख्याँ बहुत ज्यादा है और यहाँ की आबादी बहुत पास पास, सट सट (जनसँख्या घनत्व) कर रहती हैं जिससे ट्रांसपोर्टेशन कास्ट बहुत कम हो जाती है | जन संख्या तो दूसरे देशों में भी ज्यादा है पर वहां जनसँख्या के हिसाब से एरिया (क्षेत्रफल) भी भारत की तुलना में ज्यादा है | एक अकेला भारत लगभग 15 से 20 प्रतिशत आबादी पूरे विश्व की अपने अन्दर रखता है | इसलिए विश्व में अलग अलग देश भटकने के बजाय, केवल एक अकेले भारत में अपने प्रोडक्ट को पॉपुलर करने भर से ही कोई भी कम्पनी अपरम्पार दौलत कमाती है !
हमारे परम आदरणीय हिन्दू धर्म के आधार वाक्य “वसुधैव कुटुम्बकम” (मतलब पूरी पृथ्वी ही एकजुट परिवार है) को अपना आदर्श मानकर, भारत माता से अपना प्रयास शुरू कर पूरे विश्व को एक विकास की राह पकड़ाने की बार बार कोशिश करने वाले, अथक मेहनती श्री बाबा रामदेव, श्री नरेंद्र मोदी आदि लोगों के पीछे भी ये खुरापाती लोग पड़ गए हैं और हर दिन नए नए जुगाड़ खोज रहें हैं इन्हें बदनाम करने के लिए !
कई लोगों को नाराजगी है की मोदी जी प्रधानमंत्री होने के बावजूद कई जरूरी काम नहीं कर रहे हैं जो उन्हें अब तक कर देना चाहिए था | यहाँ भी वही चीज लागू होती है की जैसा हमेशा दिखता है वैसा होता है नहीं | साधारण लोगों को लगता है की प्रधानमंत्री तो देश का सबसे ताकतवर आदमी होता है और वो जो कुछ भी चाहे आराम से कर सकता है पर वास्तव में ऐसा होता है नहीं क्योंकि इसके एक नहीं अनेक कारण हैं !
भारत देश में प्रजातंत्र है और जहाँ प्रजातंत्र के कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी है | प्रधानमंत्री को भी सभी को संतुष्ट कर के चलना पड़ता है और ये जरूरी नहीं है की सभी मोदी जी की तरह ही हों | इसलिए किसी तरह सब तरह के विरोधों को सामना करते हुए मोदी जी को एक एक कदम आगे बढ़ाना पड़ता है !
ये तो सभी ने अपने जीवन में महसूस किया होगा की अच्छा काम करने वाले के हजार दुश्मन होते हैं ! मोदी जी की विवशता को ठीक से समझने के लिए आप खुद अपना ही उदाहरण ले लीजिये कि जैसे आप हमेशा चाहते हैं कि आपके घर के सारे सदस्य हमेशा सही काम करें मतलब पत्नी रोज समय से हेल्दी खाना बना दे, लड़के पढ़ाई में ध्यान दें और व्यर्थ कामों में समय बर्बाद न करें, आपके बिज़नेस में काम करने वाले सारे कर्मचारी ईमानदारी से काम करें, छोटे भाई और बड़े भाई ईमानदारी से अपना फर्ज निभाएं आदि आदि पर वास्तव में इनमे से कितनी चीजे आप सही में अपने परिवार में लागू करवा पाते हैं ?
कहने को आप घर के हेड ऑफ़ द फैमिली (सबसे बड़े सदस्य) हों पर अच्छी चीजों को आप अपने ही घर में कितने प्रभावी तरीके से लागू करवा पाते हैं ? कई लोग तो ऐसे भी मिलते हैं जो पिछले कई सालों से अपने घर के बिगड़े नियम क़ानून को सुधारना चाहते हैं पर पूरा जोर लगाकर भी आज तक सुधार नहीं पाए ! लेकिन मोदी जी निश्चित तौर पर बेहद मजबूत के साथ बेहद बुद्धिमान आदमी भी हैं और जहां सीधी उंगली (रणनीति) से घी नहीं निकलता वहां टेढ़ी उंगली (कूटनीति) से काम चलाना जानते हैं !
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