लोककथा – अपना-पराया (लेखक – हरिशंकर परसाई)
आप किस स्कूल में शिक्षक हैं?’
‘मैं लोकहितकारी विद्यालय में हूं। क्यों, कुछ काम है क्या?’
‘हाँ, मेरे लड़के को स्कूल में भरती करना है।’
‘तो हमारे स्कूल में ही भरती करा दीजिए।’
‘पढ़ाई-वढ़ाई कैसी है?
‘नंबर वन! बहुत अच्छे शिक्षक हैं। बहुत अच्छा वातावरण है। बहुत अच्छा स्कूल है।’
‘आपका बच्चा भी वहाँ पढ़ता होगा?’
‘जी नहीं, मेरा बच्चा तो ‘आदर्श विद्यालय’ में पढ़ता है।’
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे एक्स (ट्विटर) पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !