शरण में जाओ, जिंदगी भर पेट भरने की गारंटी

images (1)पूरी दुनिया में जहा भी जिसका भी पेट भर रहा है, वो सिर्फ और सिर्फ श्री भगवान नारायण की कृपा से ही हो रहा है | इन्ही को भगवान विष्णु, नरसिंह और पद्मनाभ कहते है क्योकी इन्ही के पेट से निकले कमल पर हम सब के पिता ब्रम्हाजी जी का जन्म हुआ था |

पुराणों में इस सृष्टी के सारे कार्यो के निष्पादन के लिए त्रिदेव का वर्णन है जिसमे भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार, ब्रह्मा जी को विश्व का निर्माता, और भगवान शिव जी को संहारक बताया गया है। श्री भगवान विष्णु की पत्नी या शक्ति श्री महामाया माँ लक्ष्मी हैं। ये वही महामाया है जिनका दिव्य लीला विस्तार दुर्गा सप्तशती में दिया गया है |

वैसे तो बिना कोई रूप और आकर वाले परम ब्रह्म यानी भगवान् ने अब तक अनगिनत बार साकार रूप में अवतार लिए है भक्तो के काम सवारने के लिए, और आगे भी लेते रहेंगे, पर उनमे से कुछ प्रमुख अवतार है जो उन्होंने विश्व कल्याणार्थ लिए थे उनका यहाँ सूक्ष्म वर्णन है –

मत्स्य अवतार : मत्स्य (मछ्ली) के अवतार में भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।

कूर्म अवतार : कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। इस प्रकार भगवान विष्णु, मंदर पर्वत और वासुकि नामक सर्प की सहायता से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथनकरके चौदह रत्नोंकी प्राप्ती की। (इस समय भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप भी धारण किया था।)

वराहावतार : वराह के अवतार में भगवान विष्णु ने महासागर में जाकर भूमि देवी कि रक्षा की थी, जो महासागर की तह में पँहुच गयीं थीं। इस रूप में भगवान ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध भी किया था।

नृसिंघ अवतार : नरसिंह रूप में भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी और उसके पिता हिरण्यकश्यप का वध किया।

वामन् अवतार : इसमें विष्णु जी वामन् (बौने) के रूप में प्रकट हुए। भक्त प्रह्लादके पौत्र, असुरराज राज बलि से देवतओं की रक्षा के लिए भगवान ने वामन अवतार धारण किया।

परशुराम अवतार: इसमें विष्णु जी ने परशुराम ब्राह्मणत्व का पुनरुद्धार किया।

राम अवतार: श्री राम ने रावण का वध किया जो रामायण में वर्णित है।

कृष्णावतार : भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप मे देवकी जी और वसुदेव जी के घर जन्म लिया था। उनका लालन पालन यशोदाजी और नंद बाबा ने किया था। इस अवतार का विस्तृत वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण मे मिलता है।

बुद्ध अवतार: इसमें विष्णुजी बुद्ध के रूप में वेद की शिक्षा देने के लिये प्रकट हुए।

कल्कि अवतार: इसमें विष्णुजी भविष्य में कलियुग के अंत में आयेंगे।

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