संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 193 देशों के साथ विमर्श से तैयार, “ए. आई. व डिजिटल टेक्नोलॉजी” के वैश्विक नियंत्रक समझौते के समर्थक समूह में शामिल हुआ “स्वयं बनें गोपाल”
आप सभी आदरणीय पाठकों को प्रणाम,
पिछली सदी (यानी सन 1900) को परमाणु सदी माना जाता है क्योकि पिछली सदी की सबसे महत्वपूर्ण खोज, परमाणु सम्बंधित अविष्कारों को माना जाता है ! परमाणु की सरंचना की खोज वैज्ञानिक नील्स बोर (Niels Bohr) ने किया था जिन्होंने “एम. आई. टी.” (MIT USA) में अध्यापन भी किया था और परमाणु हथियार की खोज वैज्ञानिक ओपेनहाइमर (Robert Oppenheimer) ने किया था जिन्होंने हार्वर्ड में अध्ययन किया था !
हालांकि परमाणु हथियार के निर्माण को पिछली सदी की सबसे विवादकारी घटनाओं में से एक माना जाता है (जिसे जीवंत दर्शाया गया है इस हॉलीवुड मूवी में- OPPENHEIMER – Hindi – Universal Pictures) और परमाणु हथियार की प्रचंड विभत्सता को देखकर खुद वैज्ञानिक ओपेनहाइमर ने श्रीमद्भगवद्गीता का वो श्लोक बोला था जिसमें भगवान कृष्ण ने महाविशाल रूप धारण करके अर्जुन से कहा था कि देखो अब मै ही मृत्यु बन चुका हूँ यानी समस्त लोकों का नाशकर्ता (जिसे इस वीडियो में भी देखा जा सकता है- BHAGAVAD GITA & Oppenheimer) !
अब बात करें वर्तमान सदी की तो, इसे “ए. आई.” सदी माना जाता है क्योकि माना जा रहा कि “ए. आई.” (A. I.; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) वर्तमान सदी को पूरी तरह से बदलकर रख देगा ! “ए. आई.” के पिता माने जाने वाले वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी ने ही “एम. आई. टी.” में “ए. आई.” की लेबोरेटरी की स्थापना करने में मदद की थी (“ए. आई.” किस तरह दुनिया को बदल रहा है इसकी सांकेतिक झलक देखने के लिए कृपया ये 3 न्यूज़ वीडियोज़ देखिये- Artificial Intelligence 25 साल बाद कितना बदल जाएगा? ; AI Technology in India: World Top Tech CEO भारत क्यों आ रहे हैं ? ; AI Predicts the Future | Breakthrough | हिंदी | ) !
जैसा की यह सर्वकालिक सत्य सभी को पता है कि दुनिया में कोई भी चीज ऐसी नहीं है जिसके फायदे के साथ – साथ नुकसान ना हो, इसलिए यह हम सभी मानवों की बुद्धि पर निर्भर करता है कि हम हर चीज के सिर्फ फायदेमंद पहलुओं का ही इस्तेमाल करें, जैसे परमाणु तकनीकी का दुरूपयोग ना हो सके इसलिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह ने भाग लिया इस वैश्विक अभियान में- पूरे विश्व से न्यूक्लियर वेपन्स की समाप्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली द्वारा बुलाई गयी हाई लेवल मीटिंग में भाग लिया हमारे स्वयं सेवक ने !
ठीक इसी तरह, अब “स्वयं बनें गोपाल” समूह भाग ले रहा है उस अभियान में जो पूरे विश्व में “ए. आई.” को सुरक्षित तरीके से विकास की नई बुलंदियों तक पहुंचा सकेगा ! वास्तव में, अब लगभग हर देश की सरकार यथासम्भव प्रयास कर रही है अपने – अपने देशों में ए. आई. और डिजिटल टेक्नोलॉजी (Digital Technology) का समुचित विकास करने के लिए, क्योकि सभी देशों की सरकार ये समझ चुकी हैं कि भविष्य ए. आई. का ही है इसलिए बिना इन टेक्नोलॉजीस की मदद के, विशेष आर्थिक उन्नति प्राप्त कर पाना मुश्किल है (जैसे देखिये आज से 7 वर्ष पुराने इस वीडियो में हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी जी कितना जोर देते हुए कह रहें है कि अगर वक्त रहते हमारे देश ने ए. आई. में समुचित प्रगति नहीं की तो हम कई देशों से इतना पीछे रह जाएंगे कि हमें कोई पूछेगा तक नहीं- PM Modi Speaks of Artificial Intelligence again) !
लेकिन लोग इस बात से भी अनजान नहीं है कि, ए. आई. और डिजिटल टेक्नोलॉजी भी दोधारी तलवार की तरह है क्योकि जहाँ इसके सदुपयोग से आमजनमानस को कई बड़े से बड़े लाभ तुरंत आसानी से मिल सकते हैं, वहीँ इसके दुरूपयोग से कई बड़ी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं (जैसे देखिये इस विषय में दो वर्ष पूर्व आदरणीय मोदी जी ने क्या कहा था- PM Modi ने Artificial Intelligence पर कह दी बड़ी बात) !
इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ भी ऐसे विशेष प्रयास कर रहा है जिनसे हमारे विश्व की “ए. आई.” और डिजिटल टेक्नोलॉजी अधिक से अधिक विकसित हो सकें लेकिन सुरक्षित तरीके से, और साथ ही साथ ये टेक्नोलॉजीस अधिक से अधिक आम जनमानस के लिए सुलभ (यानी आसानी से उपलब्ध) भी हो सके !
और ऐसे ही विशेष प्रयास में से एक यह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने से जुड़े हुए 193 देशों की सरकारों से वार्तालाप करके, एक वैश्विक नियंत्रक समझौते को तैयार किया है जिसका नाम है- “ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट” (Global Digital Compact), जिसके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया संयुक्त राष्ट्र संघ की वेबसाइट के इस लिंक पर क्लिक करें- Global Digital Compact
चूंकि पूरे विश्व में ऐसे ही विकासपरक व नियामक समझौते की आवश्यकता दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी, इसलिए “इनफार्मेशन सोसाइटी” की वर्ल्ड समिट के लगभग 20 साल बाद इस ऐतिहासिक समझौते का रूपांकन हुआ है ! यह “ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट”, “ए. आई.” और डिजिटल टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी पहलुओं (जैसे- नए अविष्कारों व तकनीकी खोजों, अंतरराष्ट्रीय नीतियों व कानूनों इत्यादि) की विशद विवेचना करता है !
संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने इस अभूतपूर्व समझौते यानी “ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट” की सफलता के लिए, पूरे विश्व से ऐसी संस्थाओं से समर्थन माँगा है जो उनकी दूरदर्शी सोच की तहत “ए. आई.” और डिजिटल टेक्नोलॉजी को विकास की नई उचाईयों तक पहुंचाने में सहायक हो सकतें हैं ! और इसके प्रत्युत्तर में संयुक्त राष्ट्र संघ ने अब तक (यानी 31 दिसंबर 2024 तक) विश्व के लगभग 320 समर्थनों को स्वीकार किया है जिसमें “स्वयं बनें गोपाल” भी शामिल है, जिसका विवरण देखने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Endorsements for Global Digital Compact
इस लगभग 320 समर्थकों के समूह में “स्वयं बनें गोपाल” के साथ – साथ जिन अन्य संस्थाओं का समर्थन “ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट” ने स्वीकार किया है, उनका नाम जानने के लिए भी कृपया ऊपर दिए गए लिंक (यानी इसी लिंक- Endorsements for Global Digital Compact) पर क्लिक करें या उनमें से कुछ संस्थाओं का नाम निम्नलिखित लिस्ट में भी देखा जा सकता है-
• यूनिटेड स्टेट्स कॉउन्सिल फॉर इंटरनेशनल बिज़नेस (United States Council for International Business ; https://uscib.org/)
• आई. ट्रिपल ई. (IEEE ; https://www.ieee.org/)
• वर्ल्ड सेविंग एंड रिटेल बैंकिंग इंस्टिट्यूट (WSBI-ESBG ; https://www.wsbi-esbg.org/)
• फ्रेंच नेशनल सेण्टर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (French National Centre for Scientific Research ; https://www.cnrs.fr/fr)
• एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank ; https://www.adb.org/)
• विकिमीडिया फाउंडेशन (Wikimedia Foundation ; https://wikimediafoundation.org/)
• ऑस्ट्रेलियन इंटरनेट ऑब्जर्वेटरी (Australian Internet Observatory ; https://internetobservatory.org.au/about)
• डायनामिक कोलिशन ऑन डाटा ड्रिवेन हेल्थ टेक्नोलॉजीस (Dynamic Coalition on Data Driven Health Technologies ; https://dev.intgovforum.org/en)
• किंग अब्दुल अज़ीज़ सेण्टर फॉर वर्ल्ड कल्चर (King Abdul Aziz Center for world Culture ; https://sync.ithra.com/about-sync)
• कोलिशन फॉर डिजिटल एनवायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी (Coalition for Digital Environmental Sustainability ; https://www.codes.global/about-us)
• रिसर्च डाटा अलायन्स वर्किंग ग्रुप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Research Data Alliance working group on Artificial Intelligence & Data Visitation ; https://www.rd-alliance.org/our-funders/)
• ट्रांसनेशनल वर्किंग ग्रुप ऑन ग्लोबल गवर्नेंस ऑफ़ ए. आई. (Transnational Working Group on Global Governance of AI ; https://www.wfm-igp.org/become-member/associated-organizations/)
• चिकोस डॉट नेट (Chicos.net ; https://www.chicos.net/)
• यूरो डीआईजी (Euro DIG ; https://www.eurodig.org/about/who-we-are/)
• डिजिटल पब्लिक गुड्स अलायन्स (Digital Public Goods Alliance ; https://www.digitalpublicgoods.net/governance)
• द बियॉन्ड लैब (The Beyond Lab ; https://www.thebeyondlab.org/)
• सस्टेनेबल आईटी डॉट ओ आर जी (SustainableIT.org ; https://www.sustainableit.org/leaders)
• ओपन हेल्थ नेटवर्क (Open Health Network ; https://www.openhealth.cc/home)
वैसे तो “स्वयं बनें गोपाल” समूह से विभिन्न वैज्ञानिक विषयों के अद्भुत विद्वान जुड़े हुए हैं लेकिन कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सबसे हाई क्लास एक्सपर्ट्स में से एक हैं डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी, जो “स्वयं बनें गोपाल” समूह के मुख्य मार्गदर्शक (Chief Mentor, Doctor Saurabh Upadhyay) भी है !
जैसा की हमने पूर्व प्रकाशित आर्टिकल में भी बताया है कि डॉक्टर सौरभ उपाध्याय, भारतवर्ष के विभिन्न यूनिवर्सिटीज में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लगभग 10 वर्षों तक प्रोफेसर रहें हैं और इनके कई विश्व विख्यात रिसर्च पेपर्स भी पब्लिश्ड हैं, साथ ही डॉक्टर सौरभ “ऐन्शिएंट ओशन” आई. टी. कंपनी के मुख्य संस्थापक भी हैं जिसके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस कंपनी की वेबसाइट देखें- https://theancientocean.com/
इसी परिप्रेक्ष्य में याद दिलाना चाहेंगे कि, डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी द्वारा प्रदत्त जानकारियों के आधार पर ही “स्वयं बनें गोपाल” समूह ने पूर्व में “ए. आई.” के ऊपर एक विस्तृत आर्टिकल प्रकाशित किया था जिसे आप सभी पाठकों ने बहुत पसंद किया था ; उस आर्टिकल को पढ़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- जानिये, कैसे अगले कुछ सालों में आम आदमी का जीवन भी पूरी तरह से बदल सकता है “ए. आई.” (A. I.; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) !
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
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