जो टेढ़े को सीधा करे, उनका नाम है श्री राधा
सही बात है जब किसी की बहुत ज्यादा डिमांड हो जाय और हर आदमी उससे मिलना चाहे तो वो नखरे दिखाना शुरू करेगा ही ! कई भक्तों का मानना है कि ठीक यही लीला बांके बिहारी जी भी करते है !
मतलब ऐसे भक्तो के अनुसार, पूरी दुनिया में ना जाने कितने भक्त दिन – रात बांके बिहारी का इन्तजार करते करते थक जाते हैं कि प्रभु एक बार तो अनुभव में आओ, पर जैसे लगता है कि बाके बिहारी को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता है !
वो कहाँ गायब रहते हैं, कुछ समझ में ही नहीं आता है ! इस समय वे अपने किसी भक्त के घर बैठकर आराम से लड्डू खा रहे हों या जानबूझकर खूब झेला – झेला कर अपने नखरे दिखा रहे हैं, कुछ समझ में ही नहीं आता है !
सबको बार – बार हैरान कर देने वाली इनकी इसी अदा की वजह से ही, कई भक्तों का मानना है कि इनका एक नाम “बांके बिहारी” पड़ा है !
बांके का मतलब होता है टेढ़ा ! संभवतः इनका हर काम, हर लीला टेढ़ी होती है ! भक्त ऐसे टेढ़े – नटखट बच्चे के भरोसे बैठकर, कृपा पाने का इंतजार करता रहे तो हैरान – परेशान होगा ही ! इसलिए ऐसे टेढ़े भगवान को तुरंत सीधा करने का एक बेहद आसान और शर्तिया उपाय हैं श्री राधा ! क्योंकि राधा जी इनकी सबसे बड़ी कमजोरी और जरूरत हैं !
राधा जी इनके लिए इतनी महत्वपूर्ण हैं कि, सिर्फ राधा – राधा बोलकर इनको इमोशनल ब्लैकमेल करके दुनिया का कोई भी उचित काम निश्चित करवाया जा सकता है !
शुक्र है “राधा” नाम की स्विच हम अल्प सामर्थ्यवान मानवों के पास है जिसको दबाते ही अत्यंत चंचल – चपल – नटखट – शरारती लड्डू गोपाल जी भी गाय की तरह एकदम सीधे और हर कहना मानने वाले आज्ञाकारी बच्चे हो जातें है !
और जहाँ तक बात राधा जी की है, तो वो तो बेचारी इतनी सीधी – सादी हैं कि भक्त उन्हें जो भी खाने को दे दें, वे खुश हो कर खा लेती है, और जो भी पहनने को दे दें, वे पहन लेती है !
ये महान आश्चर्य की बात है की इतनी परम सीधी – सादी राधा जी के सबसे पक्के दोस्त लड्डू गोपाल इतने ज्यादा नटखट – शरारती व चंचल है !
एकदम सच बात है और कोई भी वृन्दावन जाकर पता कर सकता है कि बांके बिहारी मंदिर में अक्सर ऐसा होता है की ये लड्डू गोपाल कपड़ा पहनने में पुजारियों को बहुत हैरान करते हैं क्योकि उनको उस दिन कुछ नया स्पेशल खाने के लिए भोग में चहिए होता है (हालांकि भोग में नयी स्पेशल चीज मांगने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य होता है, उस दिन अपने दर्शन करने वाले भक्तों को स्पेशल प्रसाद खिलाने का) !
ये अनन्त दयामयी कृपा है श्री राधा रानी जी की, कि उनके नाम के प्रचंड प्रताप की वजह से अनन्त ब्रह्मांडो के रचयिता, पालनहार और विनाशक, पूर्ण ईश्वर, श्री कृष्ण, की बाल लीलाओं के अति दुर्लभ अनुभवों को हम तुच्छ मानव महसूस कर सकते हैं !
तो बोलिए, श्री कृष्ण जिनकी पूजा करते हैं, ऐसी परम सीधी, परम प्यारी, परम दयालु, श्री लाडली सरकार, राधा रानी की जय !
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