“यंत्र” रूप मे विराजमान हैं भगवती दुर्गा इस विश्व प्रसिद्ध मन्दिर में
बनारस में अस्सी रोड से कुछ ही दूरी पर आनन्द बाग के पास दुर्गा कुण्ड नाम का अति प्रसिद्ध मन्दिर है। यह आदि शक्ति माँ दुर्गा जी का मंदिर है। वैसे तो यहां हर समय दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है पर नवरात्रि व सावन के महीने में तो यहाँ भक्तों की अनगिनत भीड़ रहती है।
इसी मन्दिर के पास राम चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा स्थापित हनुमान जी का विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी है।
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माँ को कुष्माण्डा माता के रूप में पूजा जाता है।
दुर्गा मंदिर काशी के सबसे पुरातन मंदिरो में से एक है। इस मंदिर का उल्लेख ” काशी खंड” में भी मिलता है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ “दुर्गा कुंड” स्थित है !
लोगों का कहना है इस कुण्ड में पानी पाताल से आता है इसलिए इस कुण्ड का पानी कभी नहीं सूखता है !
ऐसे सैकड़ो अबूझ रहस्य है इस मन्दिर में जिसके बारे में आज के वैज्ञानिक भी मौन हैं !
इस मंदिर मे माँ दुर्गा “यंत्र” रूप मे विराजमान है। इस मंदिर मे बाबा भैरोनाथ, माँ लक्ष्मी जी, माँ सरस्वती जी, एवं माता काली जी भी मूर्ति रूप में स्थित है। यहाँ मांगलिक कार्य एवं मुंडन इत्यादि के लिए भी लोग आते है। मंदिर के अंदर हवन कुंड है, जहाँ रोज हवन होते है।
इस मंदिर में यंत्र रूप में विराजमान माँ दुर्गा का तेज इतना भीषण है की माँ के सामने खड़े होकर दर्शन करने भर से ही कई जन्मों के पाप भस्म होते हैं !
पुराणों के अनुसार दुर्गा मंदिर में माँ दुर्गा की जो मूर्ति स्थापित है वह दुर्गाकुण्ड से प्राप्त हुई थी।
मनोकामना पूर्ति के लिये प्रसिद्ध इस मंदिर में तो पूरे वर्ष भर लोगों की भीड़ लगी रहती है। सावन महिने मे एक माह का बहुत मनमोहक मेला लगता है।
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