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आप सभी आदरणीय मित्रों को प्रणाम,
“स्वयं बनें गोपाल” संस्थान एक मान्यता प्राप्त, स्वयं सेवक समूह है जो अपने विभिन्न उत्कृष्ट सेवा कार्यों की वजह से “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में विस्तार से जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
सारांशतः “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान एक सामूहिक प्रयास है, मानवता पूर्ण विचारों के अधिक से अधिक प्रचार प्रसार के लिए, जिससे पूरी मानव जाति का चहुँमुखी विकास सुनिश्चित हो सके !
जैसे “श्री गोपाल” का पूरा जीवन दूसरों के दुःख हरने में बीता उसी तरह, उन्ही परम आदरणीय श्री गोपाल के सर्व हित व सर्व सेवा के आदर्शों को अपना परम लक्ष्य मानते हुए, “स्वयं बनें गोपाल” समूह का भी यही पूर्ण प्रयास रहता है कि कैसे इस निराशा से पीड़ित समाज को शांत, सौम्य और सुखी बनाने में अधिक से अधिक सहायक हो सके !
अतः “स्वयं बनें गोपाल” ऐसे ही उत्साही और मेहनती लोगो का समूह है जो अपने स्टेटस और क्वालिफिकेशन को तब तक व्यर्थ मानते है जब तक उनकी पढ़ाई, उनका बिज़नेस किसी भूखे के पेट में खाना ना डाल सके या निरीह जीवो की सेवा ना कर सके !
ऐसे काम करने से तुरंत अपने मन में सुख मिलता है इसलिए हर अच्छा आदमी अपनी जिंदगी में ऐसे अच्छे काम जरूर करना चाहता है पर वास्तविकता में रोजमर्रा के कामो में ही उलझ कर आदमी की जिंदगी का एक एक दिन बहुत तेजी से बीतता चला जाता है और अन्त समय अपनी मृत्यु शय्या पर सोच – सोच कर दुखी होता है कि उसने एक मानव शरीर पाकर भी सिर्फ जानवरो की तरह अपना पूरा जीवन अपने और अपने परिवार के खाना, पीना, बच्चे पैदा करना और घर सजाने में ही बिता दिया ! लेकिन उस समय दुखी होने से कोई लाभ नहीं होता क्योकि जीवन के दीपक में तेल ख़त्म हो चुका होता है !
अतः “स्वयं बनें गोपाल” उन्ही दूरदर्शी लोगो का समूह है जो अपनी मृत्यु शय्या पर विलाप नहीं हर्षित होना चाहते है कि, हाँ, हमने अपना जीवन सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरो के लिए भी जीया है !
वास्तव में आज के समय में निरीह, गरीब, परेशान बहुत हैं लेकिन उनकी मदद करने वाले बहुत ही थोड़े से ! अतः सर्वत्र फैली हुई ऐसी हृदय विदारक स्थिति में “स्वयं बनें गोपाल” समूह पूरे आदर के साथ अनुरोध और आवाहन करता है, विश्व के सभी नागरिकों से कि, वे अपने अंदर के “गोपाल” को जगायें और, “स्वयं बनें गोपाल” !
“गोपाल” वो भी होता जो “गो” (अर्थात भारतीय देशी गाय माता) को साक्षात देवी का रूप मानकर, बड़े आदर से उनका पालन पोषण करता है क्योकि सारे वेद पुराण में गाय माता का दर्जा भगवान के ही समकक्ष ही बताया गया है !
इसलिए गाय माता को पूरे विश्व की माता (अर्थात “जगत माता”) बताते हुए कहा गया है कि अकेले गोबर व गोमूत्र (Indian Desi breeds cow Gomutra or urine and Dung) के प्रयोग से ही खेती की पैदावार इतनी ज्यादा निश्चित बढ़ाई जा सकती है कि पूरे विश्व में कभी भी, किसी भी प्राणी को भूख की असहनीय अग्नि में जलने की नौबत ही ना आने पाए और साथ ही साथ शुद्ध देशी नस्ल की गाय माता का दूध व मूत्र (Cow milk & Gomutr) लगभग हर बिमारी में बहुत ही फायदा है !
ये निश्चित रूप से “स्वयं बनें गोपाल” समूह की अनंत ममतामयी गोमाता के प्रति अनन्य भक्ति का ही परिणाम है कि “स्वयं बनें गोपाल” समूह सेवा के हर क्षेत्र में विश्व पटल पर तेजी से उभरता जा रहा है इसलिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह अपने सभी आदरणीय पाठको से पुनः विनम्र निवेदन करता है कि वे साक्षात् जगत माता अर्थात गोमाता की प्रचंड महिमा को पहचाने और अपनी दिनचर्या में से प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर गोमाता की किसी ना किसी प्रकार से सेवा करना ना भूलें ताकि आपको इस लोक के साथ – साथ परलोक में भी भगवान श्रीकृष्ण के निज धाम “गोलोक” में अनंत सुख मिले !
गोमाता भले ही हम मूर्ख मानवो की उपेक्षा का शिकार होकर सर्वत्र कूड़ा खाने से लेकर अन्य सैकड़ो किस्म की दारुण तकलीफे झेल रही हों, लेकिन आज भी भारतीय देशी गाय माता के शरीर में साक्षात् भगवान श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु, श्री शिव और माँ सरस्वती, माँ लक्ष्मी व माँ काली समेत सभी देवी देवताओ का निश्चित निवास है इसलिए भारतीय देशी गाय माता को चलता फिरता महाचमत्कारी सिद्ध मंदिर कहा जाता है !
अतः अगर आप अपनी या अपने परिवार की किसी एक समस्या या कई समस्याओं से आखिरी परेशान हो चुके हों और उससे निजात पाने का आपको कोई उपाय समझ ना आ रहा हो तो आप इधर – उधर व्यर्थ भटकने में समय बर्बाद करने की बजाय, भक्ति व समर्पण भाव से आईये साक्षात् जगदम्बा स्वरूपा गोमाता की शरण में और तुरंत से महसूस करिए एक अद्भुत शान्ति और अनजाना आश्वासन जो अंततः आपको आपकी समस्या से मुक्ति दिलवाकर ही छोड़ेगा (गाय माता के अन्य सैकड़ो आश्चर्यजनक फायदों को जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- जगदम्बा स्वरूपा, कृष्ण माता अर्थात भारतीय देशी गाय माता के सैकड़ों आश्चर्य जनक सत्य फायदे) !
अतः “स्वयं बनें गोपाल” अति विनम्रता के साथ बारम्बार, सबसे यही निवेदन करता है कि, जो पूरे विश्व में जहां कहीं भी है, वो वहीँ पर रहकर अधिक से अधिक परपीड़ा शमनार्थ निरन्तर प्रयास करता रहे और साथ ही साथ पूरे मानव जगत से भुखमरी व बिमारी के स्थायी निदान के लिए अति आवश्यक “जगत माता” स्वरुप गाय माता की भुला दी गयी दिव्य महिमा के पुनरुत्थान में सहायक भी हो सके !
अंततः “स्वयं बनें गोपाल” समूह पूरे विश्व से सादर प्रार्थना करता है योग के साथ साथ पूरी तरह से शाकाहार अपनाने की, क्योंकि शाकाहार ही सदाचार की वो प्रथम सीढ़ी है जिससे हृदय में एक स्थायी प्रसन्नता का अवतरण संभव हो पाता है और यही स्थायी प्रसन्नता ही सभी तरह की उदिग्नता को शांत कर सभी अपराधिक मानसिक प्रवृत्तियों का नाश कर सकती है ताकि एक सौ प्रतिशत अपराध मुक्त समाज का निर्माण संभव हो सके !
जिसका एक बड़ा उदाहरण यह भी है कि चाहे कितना भी बड़ा अपराधी क्यों ना हो, अगर उसे नियमित रूप से लम्बे समय तक सात्विक खाना (जैसे- दाल, चावल, रोटी, सब्जी, देशी घी आदि) खिलाया जाए और नियमित योग भी कराया जाए तो यह बहुत मुश्किल है कि वह भविष्य में कोई दुर्दान्त अपराध कर पाने की हिम्मत जुटा सके क्योंकि योग व शाकाहार के सम्मिलित अभ्यास से आत्मिक बल इतना ज्यादा मजबूत हो जाता है कि व्यक्ति कभी भी अपराध के रास्ते पर जा ही नहीं सकता जबकि वहीँ दूसरी तरफ किसी शांत सज्जन आदमी को भी अगर रोज तामसिक खाना (जैसे मांस, मछली, अंडा, शराब, बियर आदि) नियमित खिलाया जाए तो बहुत संभव है कि वह सज्जन व्यक्ति भी, कभी भी जाने अनजाने कोई ऐसा जघन्य पाप (जैसे- हत्या, मारपीट आदि) कर दे जो वो पहले कभी सोच भी नहीं सकता था ! इसलिए परम आदरणीय हिन्दू धर्म का यह कथन “जैसा अन्न वैसा मन” एकदम सही है !
इसके अतिरिक्त निर्दोष जानवरों की जब हत्या होती है तो उनके दिल से भयंकर श्राप निकलता है जो उन्हें मारने वाले कसाईयों और उनकी लाशों के मांस खाने वाले लोगों दोनों का लगता है जिसकी वजह से ऐसे लोगों की जिंदगी में आये दिन ऐसी समस्याएं (जैसे कठिन बीमारियाँ, एक्सीडेंट, कर्जा, गरीबी, अपमान आदि किसी भी रूप में) पैदा होती रहतीं हैं जों उन्हें खून के आंसू रुलाती हैं ! जबकि शाकाहारी के जीवन में, किसी मांसाहारी की तुलना में बहुत ज्यादा सुख शान्ति प्रसन्नता निश्चित तौर पर बनी रहती है ! इसलिए मांसाहार करना तुरंत छोड़ देना चाहिए !
खुद भी शाकाहार करिए और दूसरों को भी शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित करिए क्योंकि अगर आपकी प्रेरणा से कभी किसी एक निर्दोष जानवर की हत्या होने से बच गयी तो इसका महा पुण्य आपको जरूर मिलेगा जो आपके इस लोक व परलोक में बहुत काम आएगा !
(नोट- अगर मांस, मछली या अंडा आदि खाने का बार बार मन करता हो तो कृपया नीचे दिए गए आर्टिकल के लिंक को क्लिक कर पढ़ें और उसमें बताये गए बेहद आसान तरीके को मात्र 5 मिनट सुबह व रात में करने से, ना केवल मांस खाने की आदत बल्कि अन्य सभी तरह की बुरी आदतों से मात्र 40 दिनों में ही छुटकारा निश्चित मिलने लगता है और साथ ही साथ सभी तरह की बीमारियों व सभी समस्याओं का भी नाश धीरे धीरे होने लगता है और इतना ही नहीं बल्कि सभी उचित मनोकामनायें भी उचित समय आने पर निश्चित पूरी होकर ही रहती है ! इस आर्टिकल को पढने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- सभी बिमारियों, सभी मनोकामनाओं व सभी समस्याओं का निश्चित उपाय है ये )
अतः “स्वयं बनें गोपाल” और अपने परिवार को भी बनाएं “गोपाल” !
जय हो परम आदरणीय गौ माता की ! वन्दे मातरम् !
धन्यवाद एवं आभार,
“स्वयं बनें गोपाल” समूह,
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