Category: वसुधैव कुटुंबकम्

ऐसी अच्छाई किस काम की जो आदमी को डरपोक बना दे

देश की परिस्थितियां दिन पर दिन कठिन होती जा रहीं है और सज्जन लोग दूर बैठ कर तमाशा देख रहे हैं या किसी ईश्वरीय चमत्कारी सहायता की उम्मीद कर रहे हैं ! यूँ तो...

बड़े पैमाने पर हो रही इन साजिशों को समझना बहुत जरूरी है

जैसा हमेशा दिखता है क्या हमेशा वैसा ही होता हैं ? उस लिहाज से बिजली के तारों के ऊपर तो कुछ भी नहीं दिखता तो उसे छूने पर जान लेवा झटका क्यों लगता है...

विश्व सम्राट के खोये हुए पद को दुबारा वापस पाने के लिए ये तो करना ही पड़ेगा

आप एक बड़े ऑफिसर या बिजनेस मैन हैं और अपनी वाइफ और बच्चे के साथ बढ़िया आलिशान घर में रहते हैं और पैसे की कमीं नहीं है, जो आप चाहते हैं और जो आपका...

सौगंध महादेव की, मै देश की सदा रक्षा करूंगा

ये महावीरता का जज्बा है हर एक – एक हिन्दुस्तानी का जो ऊपर से तो शान्त दीखता है यहाँ तक की अपने रोज मर्रा के काम में उलझा, परेशान और दुखी भी दिखता है...

अमेरिका की धर्म सभा में श्री विवेकानंद का आगाज

(श्री विवेकानंद का भाषण सन 1893 में, अमेरिका के शिकागो में)- अमेरिका के बहनो और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया...