स्मॉग से बचा सकता है ये प्राणायाम
दिल्ली एनसीआर में अजीब घुटनपूर्ण माहौल हो चुका है ! अमीर, गरीब, शासक, जनता सभी वातावरण में फैले इस जहर से आतंकित हो चुके हैं !
ऐसे कठिन माहौल में सांस द्वारा जो भी जहर शरीर के अंदर जा रहा है उसे बाहर निकालने का सबसे कारगर उपाय है प्राणायाम !
प्राणायाम ना केवल शरीर से हर तरह के टाक्सिंस को बाहर निकालता है, बल्कि पूरे शरीर का इम्यून सिस्टम फिर से मजबूत करता है, जिससे शरीर इतना चुस्त दुरुस्त हो जाता है कि जब तक कोई आदमी विशेष बदपरहेजी ना करे वो जल्दी बीमार नहीं होने पाता है !
चूंकि सांस लेना तो मजबूरी है पर नौकरी व्यापार आदि के लिए दिल्ली में रहना भी मजबूरी हो तो ऐसे में सबसे बढियां उपाय है कि बंद साफ़ सुथरे कमरे में बैठकर रोज सुबह शाम प्राणायाम करना (वैसे तो प्राणायाम समेत अन्य सभी योग, व्यायाम आदि खुली हवा में करना ज्यादा फायदेमंद होता है लेकिन अभी दिल्ली की बाहरी हवा दूषित हो चुकी है इसलिए दिल्ली वासियों को बंद साफ़ सुथरे कमरे में ही प्राणायाम करना बेहतर है जब तक कि वहां का वातावरण नार्मल ना हो जाए) !
बहुत ध्यान से समझने की बात है कि साधारण सांस के रूप में तो आदमी हर समय हवा अंदर खींच ही रहा है पर जब कोई प्राणायाम के तरीके से हवा अंदर खीचता और बाहर निकालता है अर्थात प्राणायाम करता है तो उसकी हर सांस के साथ काफी टोक्सिन्स भी उसके शरीर से बाहर निकलने लगता हैं !
प्राणायाम से हमारे शरीर का फुस्फुस व तंत्रिका तंत्र मजबूत बनते हैं तथा सामन्य श्वास प्रश्वास से जो ऑक्सीजन शरीर के कुछ कोशों तक समुचित मात्रा में नहीं पहुच पाती है वो प्राणायाम से तुरंत पहुच जाती है, जिससे शरीर में सांस से या अशुद्ध खाने पीने से पहुचने वाले हानिकारक बैक्टिरिया, वायरस आदि की जनसंख्या बढ़ने की बजाय, तेजी से घटने लगती हैं !
प्राणायाम में अनुलोम विलोम और कपालभांति दोनों प्राणायाम कम से कम 10 – 10 मिनट सुबह शाम करने से, निश्चित तौर पर इस घातक धुंध के असर से काफी हद तक बचा जा सकता है (प्राणायाम के पूर्ण फायदे, विधि और सावधानियों को पढ़ने के लिए कृपया नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक करें) !
वास्तव में शरीर से टोक्सिंस को बाहर निकालना और शरीर की जुकाम से लेकर कैंसर तक की हर छोटी बड़ी बीमारियों को जड़ से समाप्त कर सकना आदि मात्र प्राणायाम के केवल साधारण फायदे हैं क्योंकि प्राणायाम का असली फायदा जानना हो तो उन योगियों से मिलिए जिन्होंने हिमालय की गुफाओं में बैठकर, प्राणायाम के सतत बेहद लम्बे अभ्यास से अपनी मनः स्थिति इतनी विकसित कर ली कि उन्हें साक्षात् महादेव का दर्शन प्राप्त हुआ !
अगर हम बात करें औषधि की तो, जहरीले वातावरण में सांस लेने से अंदर जाने वाले जहर को तेजी से शरीर से बाहर निकालता है देशी गाय माता का गोमूत्र और तुलसी पत्ती !
गोमूत्र और तुलसी पत्ती रोज रोज ताज़ी अवस्था में ना मिले तो बाबा श्री रामदेव के पतंजलि स्टोर से गोधन अर्क और तुलसी घन वटी या तुलसी अर्क के रूप में खरीदा जा सकता है, यह भी जबरदस्त फायदेमंद है (गोमूत्र और तुलसी पत्ती के फायदों को विस्तार से जानने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें) !
वास्तव में दिल्ली का महानगरीय स्ट्रक्चर इतना बेढंगा है कि किसी भी बड़ी आपदा (चाहे वो भूकम्प हो या स्मॉग) से निपटना आसान काम नहीं है !
अब स्मॉग से निपटने के लिए इस समय अधिक से अधिक, दुनिया के सबसे बढियां एयर प्यूरीफायर अर्थात हरे पेड़ पौधों की सख्त आवश्यकता है, पर कंक्रीट के जंगल में बदल चुके दिल्ली में अब रातों रात ढेर सारे हरे पेड़ पौधे कैसे पैदा किये जाएँ ?
इसलिए कहा जाता है कि आग लगने पर कुआँ तुरंत नहीं खोदा जा सकता, बल्कि पहले से खोद कर रखना पड़ता है !
फुकुशिमा न्यूक्लियर रिएक्टर से फैले रेडिएशन से अपनी जनता को बचने के लिए जापान ने भारत से कई हजार किलो देशी गाय माता का गोबर ख़रीदा था उसी तरह आज इस जहरीली धुंध से बचने के लिए दिल्ली वासियों को गाय माता के गोमूत्र का सहारा जरूर लेना चाहिए और इस संकट से उबरने के बाद, “स्वयं बनें गोपाल” समूह की हर दिल्ली वासी से यही प्रार्थना है कि उन्हें पूरी तत्परता से गाय माता की महिमा को पूरे विश्व को जरूर बताना चाहिए ताकि सभी को पता चल सके, कि ऐसे ही नहीं गाय माता को हमारे अनन्त वर्ष पुराने हिन्दू सनातन धर्म में “जगत माता” का दर्जा दिया गया है !
सावधानियां- चूंकि स्मॉग के दौरान हर व्यक्ति ना चाहते हुए भी ऐसी हवा सांस के माध्यम से अंदर खीच रहा है जिसमे खतरनाक रासायनिक टोक्सिंस के कणों की मात्रा बहुत ज्यादा होती है इसलिए इस दौरान अपने शरीर को अन्य आर्टिफीसियल केमिकल्स और उनकी महक से अधिक से अधिक दूर रखना चाहिए ! ये खतरनाक केमिकल्स मिले होते हैं बाजार में बिकने वाले बहुत से डीयो, परफ्यूम्स, फेस क्रीम्स, पाउडर्स आदि में ! यहाँ तक कि यह भी सुनने को अक्सर मिलता है कि 100 परसेंट नेचुरल का दावा करने वाली कई कम्पनीज भी अपने सौन्दर्य और खाने पीने के समान को लम्बे समय तक सड़ने से बचाने के लिए उसमे तगड़ा केमिकल युक्त प्रिजर्वेटिव मिलाती हैं ! इसलिए इस दौरान सिर्फ घर का बना हुआ शुद्ध खाना ही खाएं ताकि आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को आपको स्वस्थ रखने के लिए कम से कम केमिकल्स से लड़ना पड़े !
जानिये हर प्राणायाम को करने की विधि
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !