दांत दर्द, दांत सड़ना के प्राकृतिक इलाज
कुछ खाने के बाद दांतों की अच्छे से सफाई न करने से दांतों के बीच में खाने के कण फंसे रहते हैं और इन्ही सूक्ष्म कणों में कुछ देर बाद सड़न पैदा होने लगती है और इन सड़े हुए खाने के कणों में कीड़े पैदा होने लगते है ! ये कीड़े धीरे धीरे दाँतों को खोखला और ख़राब कर देते हैं !
दाँतों की सफाई के नाम पर जो आजकल लोग केमिकल युक्त टूथ पेस्ट इस्तेमाल करते हैं वो सब हानि कारक है ! ये बड़ी बड़ी नामी गिरामी कंपनियों के टूथ पेस्ट दांत और मसूढ़े के लिए तो हानिकारक हैं ही और साथ ही लीवर के लिए भी हानिकारक हैं क्योंकि इन केमिकल वाले टूथ पेस्ट से ब्रश करने में रोज रोज केमिकल की थोड़ी मात्रा पेट में जाती है और जिसे पचाने में लीवर पर बुरा असर पड़ता है !
कुछ बड़ी कंपनिया बेवकूफ बनाने के लिए कहती हैं की हमारा टूथ पेस्ट हर्बल (आयुर्वेदिक) है पर वास्तव में वो कंपनियां अपने टूथपेस्ट में, दिखाने के लिए कुछ सस्ते आयुर्वेदिक सामान डाल देती हैं और इन आयुर्वेदिक सामानों के अलावा केमिकल भी मिलाकर अपना टूथ पेस्ट तैयार करके बाजार में यह कह कर बेचती हैं की उनके कंपनी के टूथ पेस्ट में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ मिली हैं ! इस तरह ये बड़ी कंपनियां आधा सच और पूरा झूठ बोलकर कई सालों से लोगों को बेवकूफ बना रही हैं !
असल में केमिकल से ज्यादातर सामान बनाना, आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से सामान बनाने की तुलना में बहुत सस्ता पड़ता है जिससे इन कंपनियों का प्रॉफिट बहुत बढ़ जाता है ! भारत में अब आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की खेती बहुत कम होती है इसलिए ये जड़ी बूटियां महंगी और आसानी से अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं होती हैं ! जबकि इन विदेशी कम्पनियों का उद्देश्य सिर्फ अधिक से अधिक पैसा कमाना है चाहे इसके लिए कितने ही आदमियों के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़े !
केमिकल से तैयार टूथ पेस्ट, माउथ वाश, माउथ फ्रेशनर, साबुन, शैम्पू, क्रीम, आयल, लिपस्टिक, पाउडर, कोल्ड ड्रिंक्स, फ़ास्ट फ़ूड, चाक्लेट्स आदि तैयार कर के उसकी खूब अच्छी और शानदार पैकिंग करके, सिनेमा के बिकाऊ हीरो हिरोइन्स के द्वारा टेलीविज़न और अखबारों में खूब यह प्रचार विज्ञापन करके की उनके प्रोडक्ट बहुत फायदेमन्द हैं, ये कंपनियां पिछले कई सालों से अरबों खरबों रूपए प्रॉफिट कमा रहीं हैं !
कॉमन सेंस की बात है कि आज से 60 – 70 साल पहले तक पूरे भारत वर्ष में कहीं भी कोई भी ऐसे केमिकल वाले टूथ पेस्ट, माउथ वाश, माउथ फ्रेशनर, साबुन, शैम्पू, क्रीम, आयल, लिपस्टिक, पाउडर, कोल्ड ड्रिंक्स आदि नहीं बिका और मिला करते थे ! तो क्या हमारे सारे पूर्वजों के दात ख़राब होते थे ? या वो कम सुन्दर होते थे ? नहीं, एकदम नहीं ! भारतीय आदमी और औरतों की सुन्दरता और अमीरी विश्व विख्यात थी इसलिए अंग्रेजों ने बार बार हम भारतियों पर हमले कर लूटा !
हमारे पूर्वज अपने शरीर की हर जरूरतों के लिए केवल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करते थे इसलिए उनके जमाने की प्रसिद्ध कहावत थी की “साठा तो पाठा” मतलब साठ के उम्र में तो उनकी जवानी का दूसरा चरण शरू होता था और आज के लोग तो साठ की उम्र होते होते बाल, दांत, आंत (पाचन शक्ति), आँख सब गायब !
परम आदरणीय, साक्षात् भगवान् के दूत, परम तपस्वी श्री बाबा रामदेव के निर्देशन में चलने वाली कंपनी पतंजलि, एक ऐसी कंपनी है जिसमे शुद्ध आयुर्वेदिक दवाएं बनती हैं और जिन पर कोई भी आँख बंद करके विश्वास कर सकता है !
किसी बीमारी में परमानेंट आराम तभी मिलता है जब दो काम किया जाय ! पहला काम, की उस बीमारी के कारण को हटाया जाय और दूसरा उस बीमारी का सही इलाज किया जाय !
तो यहाँ हम बात कर रहें हैं दाँतों की समस्याओं की ! तो इसके लिए जो कारण हैं, मतलब दाँतों की ठीक से नियमित सफाई ना करना, ज्यादा कड़े ब्रश का इस्तेमाल करना, ज्यादा गरम ठन्डे सामान खाना पीना, गरम ठंडा साथ साथ खाना, शराब बियर सिगरेट बीड़ी तम्बाखू गुटखा खाना, केमिकल वाला टूथ पेस्ट इस्तेमाल करना आदि !
और इलाज के लिए आप निम्नलिखित तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं –
– नीम, बबूल या अमरुद के पेड़ो की लकड़ियों से रोज सुबह दातौन (दतुअन) करने से दाँतों की सारी समस्याओं का नाश होता है ! अगर आपको रोज रोज इन पेड़ों की लकड़ियों के दातौन ताजी अवस्था में ना मिले तो कोई चिन्ता की बात नहीं है, आप महीने में एक बार किसी गाँव देहात में जाकर इन पेड़ो की छोटी छोटी महीन कई लकड़ियाँ तोड़ के लेते आईये और फिर रोज रात को उन लकड़ियों में से 4 – 5 इंच का टुकड़ा तोड़ लीजिये और उसे रात भर साफ़ पानी में भीगो दीजिये और सुबह उससे दातौन कर लीजिये | इस तरह भी रोज दातौन करना हजार गुना बेहतर है, केमिकल वाले टूथ पेस्ट से ब्रश करने की तुलना में दातौन धीरे धीरे करना चाहिए और हो सकता है शुरू शुर में दातौन करने में गलती से मसूढ़े में चोट लग जाय पर धीरे धीरे इसकी आदत पड़ जाती है ! कुछ दिन बाद आप पाएंगे की आपके दांत आपके परचितों के दांत से ज्यादा मजबूत हो चुके हैं !
– दालचीनी का तेल रूई में भरकर पीड़ायुक्त दांत के गढ्ढे में रखकर दबा लें | इससे दांत के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में शांति मिलती है |
– श्री बाबा रामदेव (पतंजलि) का दन्त मंजन, दन्त पाउडर और खदिरादी वटी भी दांतों की सभी समस्याओं का बहुत अच्छा इलाज है (baba ramdev Patanjali Dant Kanti Dental Cream or dant kanti toothpaste, Swami Ramdev Medicine Divya Dant Manjan Toothpowder, baba ramdev patanjali khadiradi vati) | रोज रोज पतंजलि के दन्त पेस्ट या पाउडर का इस्तेमाल करने से, जल्दी दाँतों की कोई समस्या हो ही नहीं सकती !
– रोज नियम से 10 मिनट कपालभाति प्राणायाम करने से मसूढ़ों व दांतों पर बहुत अच्छा प्रभाव निश्चित पड़ता है |
– फिटकरी गर्म पानी में घोलकर प्रतिदिन कुल्ला करने से दांतों के कीड़े और बदबू ख़त्म हो जाती है|
– कीड़े युक्त या सड़े हुए दांतों में बरगद (बड़) का दूध लगाने से कीड़े और पीड़ा दूर होती है |
– शुद्ध हींग को थोड़ा गर्म करके कीड़े लगे दांतों के नीचे दबाकर रखने से दांत व मसूड़ों के कीड़े मर जाते हैं |
– पिसी हुई हल्दी और नमक को सरसों के तेल में मिला लें | इसे प्रतिदिन 2 – 3 बार दांतों पर मंजन की तरह मलने से दांतों के कीड़े मर जाते हैं |
– कीड़े लगे दांतों के खोखले भाग में लौंग का तेल रुई में भिगोकर रखने से भी दांत के कीड़े नष्ट होते हैं |
(नोट – दांत अगर पूरी तरह से सड़ चुका हो तो उसे निकलवा देना ही बेहतर है)
(नोट – हर मरीज की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग अलग हो सकतीं हैं इसलिए इस वेबसाइट में दिए हुए किसी भी यौगिक, आयुर्वेदिक व प्राकृतिक उपायों को आजमाने से पहले किसी योग्य योगाचार्य, वैद्य व चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें)
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