सारी बिमारियों की जड़ कब्ज का परमानेंट आयुर्वेदिक इलाज
दुनिया में विचित्र विचित्र लोग भी देखने को मिलते हैं, जैसे ऊपर से तो बहुत अप टू डेट, फ्रेश, चमकते, दमकते दीखते हैं पर जरा उनसे अन्दर का हाल चाल पूछो तो पता चलता है की कई दिनों से कब्ज से परेशान है और जिसके वजह से उन्हें गैस एसीडीटी (gas acidity herbal treatment in hindi) आदि सैकड़ों तकलीफे परेशान कर रही हैं !
पाउडर, क्रीम, लिपिस्टिक आदि से चेहरे की नकली चमक दमक तो पैदा की जा सकती है पर अन्दर की ताजगी नहीं ! शरीर के अन्दर की ताजगी और उत्साह को महसूस कर पाना एक कब्ज के मरीज के लिए असम्भव है (artificial cosmetics makeup like powder cream lipstick lotion foundation Moisturizer cant induce real inner zeal freshness happiness) !
आयुर्वेद (Ayurveda) कहता है की लगभग सारी बिमारियों का सबसे पहला कारण या जड़ कब्ज ही होती है इसलिए कभी भी कब्ज को हल्के में नहीं लेना चाहिए !
एक पुरानी कहावत भी है की जिस का पेट साफ़ हो और जिस पर कोई कर्ज ना हो तो उससे बड़ा सुखी कौन है !
कब्ज होने का अर्थ है, पेट ठीक तरह से साफ नहीं हुआ है या शरीर में तरल पदार्थ की कमी है !
अगर आपको लंबे समय से कब्ज रहता है और आपने इस बीमारी का इलाज नहीं कराया है तो ये एक भयंकर बीमारी का रूप ले सकती है (severe constipation remedy in hindi) ।
कब्ज होने पर व्यक्ति को पेट संबंधी दिक्कते भी होती हैं, जैसे पेट दर्द होना, ठीक से फ्रेश होने में दिक्कत होना, शरीर का मल पूरी तरह से न निकलना इत्यादि !
आइए जानते हैं कब्ज के लिए आयुर्वेदिक उपचार [natural Bowelcare Supplements Relieves Constipation Relief Home Remedies Symptoms & Causes & IBS (irritable bowel syndrome ayurvedic treatment) in hindi] –
– रोज लैट्रिन (शौच) जाने का समय बिल्कुल निश्चित होना चाहिए क्योंकि अगर समय निश्चित हो तो बिना किसी दवा के भी पेट साफ़ होने लगता है | रोज निश्चित समय पर जाकर लैट्रिन में बैठने से कुछ दिन बाद अपने आप बिना किसी मेहनत के आराम से पेट साफ़ होने लगता है | अगर लैट्रिन जाने का रोज का समय बार बार बदलेगा तो निश्चित कब्ज होनी ही है (नोट – लैट्रिन या पेशाब करते समय जोर लगाना बहुत हानिकारक होता है इसलिए अपने से जितना मल या पेशाब आसानी से बाहर निकल जाय उतना ही ठीक है, और ज्यादा मल या पेशाब जबरदस्ती बाहर निकालने के लिए कभी भी जोर नहीं देना चाहिए) (Incomplete Bowel Movements everyday, Incomplete evacuation ayurvedic treatment in hind, Stool Evacuation Feeling, Obstructed defecation :difficulty in evacuation or emptying the rectum which may occur even with frequent visits to the toilet and even with passing soft motions, herbal medicines incomplete defecation, Rectal tenesmus natural remedy) !
– अगर किसी को कब्ज हो तो उसे अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है तथा गर्म पानी पीने से ज्यादा फ़ायदा होता हैं। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है इसलिये कब्ज से परेशान रोगियों के लिये सर्वोत्तम सलाह तो यह है कि मौसम के मुताबिक 24 घंटे में 3 से 5 लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये और अगर एक नार्मल आदमी भी इतना पानी रोज पिए तो उसे कभी कब्ज होगी ही नहीं साथ ही साथ उसकी किडनी भी ख़राब (kidney diseases) नहीं होगी क्योंकि कम पानी पीने से किडनी ख़राब होती है (पर जिनकी किडनी पहले ही ख़राब हो चुकी है उन्हें चिकित्सक की सलाहअनुसार ही जल पीना चाहिए) | सुबह उठते ही 1 लिटर पानी पीयें। फ़िर 2 से 5 किलोमीटर तेज चाल से मॉर्निंग वाक (पैदल चले, morning walk) करें। शुरू में कुछ अनिच्छा और असुविधा महसूस होगी लेकिन धीरे-धीरे आदत पड़ जाने पर कब्ज जड़ (Get Rid Of Constipation) से ही मिट जाएगी (ध्यान रखें सिर्फ पानी की सही मात्रा पीने भर से ही, बिना किसी दवा के, कब्ज की बीमारी निश्चित ठीक हो जाती है) !
– मेथी के दानों (Trigonella foenum-graecum, methi dana or fenugreek) को हल्की आंच पर भून (सेंक) कर रात को 1-2 चम्मच खाने से सुबह पेट बढ़िया साफ़ होता है | मेथी के दानों को बिना भूने हुए खाने से इसका उल्टा फायदा मिलता है मतलब अगर दस्त हो रही हो तो कच्ची मेथी खाने से दस्त बंद हो जाती है | मेथी कच्ची खाएं या भूनी, ये पेट के अलावा डायबिटिज तथा ह्रदय रोगों (abdomen or stomach problems, heart diseases, diabetes) में भी बहुत फायदा करती है !
– कब्ज के पुराने रोगी को तरल पदार्थ, सादा और आसानी से पचने वाला खाना जैसे दलिया, खिचड़ी (dalia, khichdi) इत्यादि ही अधिक खाना चाहिए !
– कब्ज के दौरान कई बार सीने में भी जलन (Chest Burning Sensation) होने लगती हैं। ऐसे में एसीडिटी (acidity) होने और कब्ज होने पर शक्कर और देशी गाय माता के घी को मिलाकर खाली पेट खाना चाहिए !
– हरी सब्जियों और फलों जैसे पपीता, अंगूर, गन्ना, अमरूद, टमाटर, चुकंदर, अंजीर फल, पालक का रस या कच्चा पालक, किशमिश को पानी में भिगोकर खाने, रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है [papaya (papita), grapes (angur, angoor), sugar cane (ikha, ganna), guava (amrud), tomato (tamatar), Beetroot (Chukandar), Fig (Anjeer fruits, anjir), spinach soup (palak ras), raisins (Kishmish or Munakka) health benefits in constipatins] !
– इसबगोल की भूसी कब्ज में परम हितकारी है (Isabgol bhusi very advantageous in constipation) ! पानी के साथ 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदेमंद है और इससे सुबह पेट आराम से साफ़ होता है (इसबगोल एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है) !
– श्री बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के भी कई प्रोडक्ट हैं जैसे – दिव्य चूर्ण, उदर कल्प चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, हरीतकी चूर्ण, हरीतकी टेबलेट्स, उदारामृत वटी, आदि जो कब्ज में बहुत फायदेमंद हैं | ये प्रोडक्ट सुरक्षित हैं और लम्बे समय तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है फिर रोज इनकी मात्रा धीरे धीरे कम करने से बिना इन प्रोडक्ट को खाए भी, पेट साफ़ होने लगता है (baba ramdev patanjali products like patanjali divya churna, patanjali udarkalp churna, patanjali triphala churna, patanjali divya udaramrita vati, patanjali haritaki churna, patanjali haritaki tablets etc) !
– खाने में हरे पत्तेदार सब्जियों के अलावा रेशेदार सब्जियों का सेवन खासतौर पर करना चाहिए (Green leafy vegetables, Fiber rich foods, Hari pattedar sabzi, Reshedar bhojan) !
– गर्म पानी और गर्म दूध कब्ज दूर करते हैं ! रात को गर्म दूध में भारतीय देशी गाय माता का घी डालकर पीना कब्ज को दूर करने में कारगर है (desi ghee in hot milk remove constipation) !
– रात सोते समय, दूध में 2-3 छुवारे उबाल कर, छुवारे (chhuahara dry fruit, date) खाकर दूध पीने से, सुबह बढियां पेट साफ़ होता है !
– लैट्रिन (शौच) करते वक्त हमेशा उकड़ूँ ही बैठना चाहिए (जिसे देशी भारतीय स्टाइल भी कहतें हैं) ना कि कमोड पर कुर्सी पर बैठने की स्टाइल में बैठना चाहिए | भारतीय देशी स्टाइल (जिसका अक्सर मजाक उड़ाया जाता है ऐसे कुछ पढ़े लिखे भारतीयों द्वारा जो हर चीज में अंग्रेजी संस्कृति का अंधाधुंध अनुसरण कर अपने आपको मॉडर्न बनने की हर संभव कोशिश करतें हैं) के बारे में यह अच्छे से जान लेने की जरूरत है कि अब आधुनिक मॉडर्न साइंस के वैज्ञानिकों ने भी इस बात को स्वीकार लिया है कि भारतीय देशी स्टाइल ही वास्तव में एकदम सही स्टाइल है मल त्याग करने के लिए क्योंकि इस तरह उकड़ूँ बैठ कर मल त्याग करने से घुटने के नीचे पिंडली पर स्थित मल त्याग से सम्बंधित एक्युप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जिससे पेट में एक स्वाभाविक प्रेशर बनता जो मल त्याग करने में सहायक होता है, इसके अलावा, सिर्फ उकड़ूँ बैठने पर ही आँतों की पोजीशन भी ऐसी हो जाती है कि मल सुगमता से बाहर निकल सके |
अनन्त काल से आ रही यह भारतीय देशी स्टाइल (जिसका आयुर्वेद के ग्रन्थ में भी वर्णन है) अब विदेशों में इतनी ज्यादा लोकप्रिय हो रही है कि जो लोग अपने टॉयलेट में कमोड को हटवाकर, देशी लैट्रिन का पॉट नहीं लगवा पा रहें हैं वो अब इन्टरनेट से ऐसे तरीके, जुगाड़ व मशीन खोज रहें हैं जिसकी सहायता से वे बिना लडखडाये या गिरे हुए कमोड पर भी देशी स्टाइल में बैठ सकें (गूगल Google पर इस तरह के यंत्रो की जानकारी दी हुई है) और भारत की इस परम्परा का भी अब विदेशी स्वागत कर रहें है कि मल त्याग के बाद गुदा (anus) को पानी से धोना, ना कि सिर्फ कागज से ही पोछ लेना क्योंकि सिर्फ कागज से पोछने से गुदा द्वार की अच्छे से सफाई नहीं हो पाती है जिसकी वजह से गुदा में लगी हुई थोड़ी सी भी मल की मात्रा सड़ती रहती है जो देर सवेर गुदा मार्ग का इन्फेक्शन पैदा कर सकती है (विदेशों में गुदा कैंसर के भी काफी मरीज है) | भारतीय धर्म की इन्ही सब छोटी बड़ी हर बातों (जिनमे बहुत गहरा साइंस छिपा होता है और जिन्हें सिर्फ सच्चा जिज्ञासु ही समझ सकता है ना कि इंटेलेक्चुअल के भेष में छिपा कोई मूर्ख) से प्रभावित होकर कई विदेशी अब भारतीय धर्म को तेजी से अपनाते जा रहें है !
– नींबू को गर्म पानी में डालकर पीने से कब्ज दूर होती है। सुबह-सुबह सिर्फ सादा गर्म पानी पीने से भी कब्ज को दूर करने में बहुत मदद मिलती है (lemon juice in hot water relieve constipation) !
– अलसी के बीज का पाउडर (sesame seed powder) पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है !
– दो सेब रोज खाने से या केला गर्म दूध के साथ रोज लेने से कब्ज में लाभ होता है (apple and banana health benefits in constipation) !
– अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमृत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जित होता है !
– सूखे अंगूर यानी किशमिश पानी में 3 घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है !
– अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। 3 – 4 अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है !
– मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के गुण हैं। 7 मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग में आराम मिलता है !
ये ध्यान देने की बात है कि सभी नुस्खे, सभी मानवों पर समान रूप से फायदेमंद हो यह जरूरी नहीं है क्योकि सभी मानवों की प्रकृति व शारीरिक स्थिति अलग – अलग हो सकती है इसलिए चिकित्सकीय परामर्श से जिस व्यक्ति को जिस नुस्खे से लाभ मिल रहा हो, उसे वही अपनाना चाहिए !
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