सबसे बड़ा वैरागी
श्रीमत् भागवत पुराण में भगवान दत्तात्रेय सर्प की निर्मोही पन से प्रभावित थे इसलिए वे सर्प की निर्मोहीपन, निरासक्ति और संग्रह न करने की इच्छा को अनुकरणीय मानते थे।
क्योकि सर्प कभी भी अपने रहने की बिल बनाने के लिए चिंतित नहीं रहता, उसे जहा भी उसके रहने के लिए थोड़ी सी भी ठीक जगह मिल जाती है वो वहा पर कुछ समय रहता है और फिर आगे बढ़ जाता है।
ना कोई परिवार बना कर निभाता है ना उसको हर समय साथ रहने के लिए किसी साथी की जरुरत है। पूरी जिंदगी वो अकेला ही बिना किसी स्थान के बंधन में बंधे एक जगह से दूसरी जगह घूमता रहता है। सर्प का यह व्यवहार उन वैरागी सन्तों से कम नहीं है जो कुछ भी संग्रह करने में विश्वास नहीं रखते और अपने आप को पूरी तरह से भगवान की इच्छा के हवाले छोड़ देते है।
ऐसे वैरागी संतो का मानना है की, उनका 24 घंटे सिर्फ यही काम है की वो सिर्फ प्रभु भक्ति में लीन रहे बाकि प्रभु अगर चाहते है की वो जिन्दा रहे तो उनके खाने पीने का इन्तेजाम प्रभु खुद करेंगे इसलिए उनको भिक्षा में जो कुछ थोड़ा – बहुत खाने पीने को मिल जाता है उसी से काम चला लेते है।
जबकि कुछ सन्त और ज्यादा कटटर होते है और वो अपने खाने पीने के लिए किसी के आगे हाथ भी नहीं फैलाते और कहते है की भगवान अगर चाहते है की हम जिन्दा रहे तो हमारे खाने पीने का सामान हमारे पास खुद किसी से भिजवाये हम किसी से मांगने नहीं जायेंगे। ऐसे संतो का भगवांन अपने में विश्वास परखने के लिए कई बार बहुत कड़ी परीक्षा लेते है और इन्हे कई – कई दिन भूखा प्यासा रहना पड़ सकता है।
अनत्वोगत्वा निष्कर्ष यह है की किसी भी सांसारिक चीज के संग्रह का लाभ है क्या जब वो सांसारिक चीज को प्राप्त करने और उसे सुरक्षित रखने में हमारी जिंदगी के अति कीमती और सीमित क्षण, उस अनन्त ऐश्वर्य शाली ईश्वर को छोड़ कर तुच्छ नाशवान सांसारिक चीज में लगे !
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे एक्स (ट्विटर) पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !