जाओ कह दो हर देशप्रेमी से, ना हम भागे, ना ही हमने घुटने टेके
अंग्रेजों के बहुत लंबे शासनकाल से सन 1947 तक भारत माँ को आजादी दिलाने के लिए कई देशभक्त क्रांतिकारियों ने हसंते हसंते अपनी जान गवाई थी और 1947 से अब तक भारत माँ की आजादी बरकरार रखने के लिए भी कई भारतीय सैनिक आये दिन हँसते हँसते अपनी जान गँवा रहे है !
इस दुनिया में सबसे कीमती चीज आदमी की खुद की जान होती है, और कोई भी साधारण स्वार्थी आदमी इसे दूसरों के फायदे के लिए गवाना तो कत्तई नहीं चाहता है, पर ना जाने किस मिटटी के बने हैं हमारे अदभुत योद्धा कि उन्हें मातृ भूमि की सुरक्षा का ऐसा नशा है कि अपनी मौत तक का डर भी उन्हें कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटने देता !
आम जनता अपने घर परिवार में होली दिवाली मनाती है और ये बाहुबली ठण्ड, बारिश, रेत सब झेलते हुए भी एकदम चौकन्ने बने रहते हैं कि एक भी आतंकवादी हमारी भारत भूमि में प्रवेश ना करने पाए !
भारत का हर नागरिक चाहे वो आम आदमी हो राज नेता, पुलिस हो या अधिकारी, इन सैनिकों का निश्चित कर्जदार है क्योंकि हमारे सैनिकों के सतत आत्मत्याग की वजह से ही भारत का हर नागरिक इन आतंकवादियों से काफी हद तक सुरक्षित है !
हालांकि मोदी जी अपने शासनकाल में कई नए नए अत्याधुनिक उपकरणों को सेना को लगातार उपलब्ध कराते जा रहें हैं जिससे निश्चित रूप से सेना की सहूलियत और क्षमता बढ़ रही है !
लेकिन उपकरण, हथियार आदि सब व्यर्थ साबित होते हैं अगर सैनिक में बहादुरी का जज्बा ना हो, पर धन्य है भारतीय सेना के वीर सैनिक, जिन्हें ना खुद के प्राणों का मोह, ना अपने माता पिता बीवी बच्चों के भविष्य की चिन्ता ही, अपनी जिम्मेदारियों से विचलित कर पाती है !
भारत माँ की अस्मिता की सुरक्षा के लिए, कफ़न सिर पर बाँध कर घूमने वाले, भारतीय सेना के हर प्रचण्ड योद्धा सैनिक के चरणों में, हम सभी देशभक्त नागरिकों का सादर शत शत प्रणाम !
वन्दे मातरम !
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे एक्स (ट्विटर) पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !