संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था द्वारा दुनिया को “संयुक्त परिवार” का महत्व समझाने वाले कार्यक्रम में भी पार्टिसिपेट किया हमारे स्वयं सेवक ने
आप सभी आदरणीय पाठकों को प्रणाम,
जैसा की आप सभी लोगों ने देखा होगा कि “स्वयं बनें गोपाल” समूह ने अपने वर्षों की अथक मेहनत युक्त रिसर्च कार्यों से हमेशा से उन कठिन कारणों के अत्यंत आसान निदानों को खोजने की कोशिश की है जिनकी वजह से आज दुनिया बेहद परेशान हैं ! इसी परिप्रेक्ष्य में हमने कई आर्टिकल्स “संयुक्त परिवार” (Joint Family or Family United) के महत्व व आवश्यकता पर भी प्रकाशित किया था जिसे आप लोगों द्वारा काफी पसंद भी किया गया था ! “स्वयं बनें गोपाल” समूह की मुहीम के कई आश्चर्यजनक नतीजे हमे तब देखने को मिले जब कितने ही अनजान लोगों ने हमें धन्यवाद देते हुआ कहा कि उन्हें अब समझ में आ रहा है कि आखिर क्यों उन्हें काफी समय से मन ही मन अकेलेपन का भीषण दंश डस रहा था !
वास्तव में अब दुनिया के कई हिस्सों में लोग वापस उन प्राचीन शाश्वत सत्य सिद्धांतों को फिर से अपनाने लगें है जिनके बिना एक लम्बा सुखी जीवन जी पाना सम्भव नहीं है जैसे- अभी कुछ समय पहले तक कई इंटेल्लेक्टुअल्स पर अदूरदर्शी लोगों को तुरंत एक आजाद (फ्री लाइफ स्टाइल युक्त) जीवन जीने का सबसे आसान तरीका लगता था हर तरह के बंधन, रिश्तों से संबन्ध तोड़कर सिर्फ अपने जरूरत के हिसाब से कम से कम लोगों के साथ रहना (जैसे आजकल सबसे सामान्य उदहारण हर जगह यह देखने को मिलता है कि- शादी के बाद बिना किसी मजबूरी के, सिर्फ बहाना बनाकर माता – पिता – भाई – बहन आदि को छोड़कर केवल पति – पत्नी का एक साथ दूसरे घर में रहना) ! लेकिन जब कई लोगों को इसके कई भीषण साइड इफेक्ट्स (जैसे- बच्चों का संस्कार विहीन परवरिश होना, अक्सर जरूरत पड़ने पर कोई देखभाल करने वाला ना होना, अपने परिवार के हर छोटे बड़े काम को हर मुश्किल परिस्थिति में खुद से ही करने के लिए मजबूर होना आदि) झेलने पड़े तो उन्हें समझ में आया कि “अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता” मतलब एक खुशहाल गृहस्थी को लम्बे समय तक चलाने में किसी युद्ध से कम चुनौतियाँ नहीं होती हैं इसलिए पति पत्नी के अलावा अधिक से अधिक स्वजनों के साथ की भी आवश्यकता होती है !
जिन बच्चो के घरों में भी अभिवावक के नाम पर सिर्फ मम्मी – पापा हैं जो अक्सर अपनी – अपनी लाइफ में इतना ज्यादा बिजी हैं कि उनके पास बच्चों की ठीक से परवरिश करने के लिए समय ही नहीं है ! अगर ऐसे लोगों के घर में दादा – दादी, चाचा – चाची, बुआ आदि भी रहें तो इन सभी लोगों के द्वारा मात्र थोड़ा – थोड़ा समय रोज देने पर भी बच्चों की बहुत अच्छी व बहुत आराम से परवरिश हो सकती है !
ये हमेशा याद रखने की जरूरत है कि बच्चों की अच्छी परवरिश करना कोई ‘पार्ट टाइम जॉब’ नहीं है, बल्कि ‘मोर दैन फुल टाइम जॉब’ है और जितनी अच्छी संस्कार युक्त परवरिश उसके खुद के परिवार के लोग कर सकतें है उतना कोई केयर टेकर (आया) या नौकर नहीं कर सकते ! बच्चों की ठीक परविरश करना कितना ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकतें हैं कि किसी भी व्यक्ति की कमाई हुई अपार दौलत भी उसे एकदम व्यर्थ लगने लगती है जब उसे बुढ़ापे में महसूस होता है कि उसकी खुद की संतान उससे सिर्फ दिखावटी प्यार करती है वो भी किसी स्वार्थवश या भयवश (जैसे- जायदाद में हिस्सा या फाइनेंशियल सपोर्ट पाने के लिए या लोकलाज यानी लोग क्या कहेंगे के डर से, आदि) !
भारत में तो अभी भी संस्कारी संयुक्त फैमिली कल्चर की वजह से बच्चों को संस्कारी परवरिश मिल जाती है लेकिन विदेशों में तो कई बच्चों को ये भी नहीं पता कि उनका बायोलॉजिकल फादर (biological father, जैविक पिता) कौन है ! विदेशों में टूटते परिवारों की वजह से बच्चे भी अंदर से टूट जातें हैं जिसकी वजह से बच्चे अक्सर ड्रग्स जैसी बुरी लत का शिकार हो जातें हैं !
आज ड्रग्स ने पूरे विश्व में कई युवाओं के जीवन को तबाह कर रखा है जिसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र की संस्था “यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम” (United Nations Office on Drugs and Crime; https://www.unodc.org/) ने 18 नवंबर 2021 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसका आशय यही था कि लोग समझ सकें कि कैसे एक संयुक्त व सशक्त परिवार का प्रेम व अनुशासन युवाओं को हानिकारक नशे से दूर रख सकता है (UNODC’s Family First Program – Strong Families, Family UNited, and Listen First) ! इस कार्यक्रम में “स्वयं बनें गोपाल” समूह की तरफ से प्रधान स्वयं सेवक (अध्यक्ष) श्री परिमल पराशर जी ने भी पार्टिसिपेट किया था !
आपको याद दिलाना चाहेंगे कि पिछले वर्ष फ़्रांस देश की सरकार की “मिनिस्टरी ऑफ़ एजुकेशन” (शिक्षा मंत्रालय) के सरंक्षण व सहयोग से, पहली बार बच्चों के लिए जो एक ऑनलाइन इंटरनेशनल एनिमेटेड फिल्म फेस्टिवल (2020 TAKORAMA International Film Festival; https://www.takorama.org/about) हुआ था उसमें “स्वयं बनें गोपाल” समूह के साथ – साथ “यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम” भी एक पार्टनर था !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह द्वारा जीवन के कई आवश्यक क्षेत्रों में खोजे गए क्रिएटिव इन्वेंशंस (नई विचारात्मक खोजों) को कई अन्य जगहों पर भी पसंद किया गया है ! जैसे श्री परिमल पराशर जी संयुक्त राष्ट्र संघ के उपक्रम “यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (United Nations Conference on Trade and Development; https://unctad.org/) द्वारा आयोजित क्रिएटिव इंडस्ट्रीज (Creative Industries) के फोरम में भी आमंत्रित थे !
जैसा कि हमने पूर्व के आर्टिकल में बताया था कि संयुक्त राष्ट्र संघ व अन्य विश्वप्रसिद्ध संस्थाओं के सहयोग द्वारा निर्मित विश्व यातायात सम्बन्धित रिपोर्ट में भारत के राष्ट्रीय केन्द्रीय प्रतिनिधि (National Focal Point) की भूमिका निभायी थी हमारे स्वयं सेवक परिमल जी ने, उसी परिप्रेक्ष्य में अब हम बताना चाहेंगे कि यूरोप के यातायात की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाली यूरोपियन रेलवे व्यवस्था के विकास पर आधारित कार्यक्रम में भी परिमल जी आमंत्रित थे ! इस कार्यक्रम का आयोजन यूरोपियन देश हंगरी के सरकार की “मिनिस्टरी ऑफ़ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (Hungarian Ministry of Innovation and Technology; https://2015-2019.kormany.hu/en/ministry-for-innovation-and-technology) और “यूरोपियन एजेंसी फॉर रेलवेज” (European Agency for Railways; https://www.era.europa.eu/) द्वारा 20 अक्टूबर 2021 को बुडापेस्ट राजधानी में किया गया था !
संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था “इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाइजेशन” (International Civil Aviation Organization; https://www.icao.int/Pages/default.aspx) द्वारा 18 नवंबर 2021 को “ड्रोन इन्नोवेशंस” (Drone Innovations) पर आयोजित मीटिंग में भी परिमल जी ने पार्टिसिपेट किया था ! “इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाइजेशन” विश्व के 193 देशों की सरकार से मिलकर बनी है जिसका काम पूरे विश्व में वायु यातायात के संतुलन के हित के लिए कार्य करना है ! आज विश्व में 5000 से भी ज्यादा एयरलाइन कम्पनीज (जैसे- अमेरिकन एयरलाइन्स, ब्रिटिश एयरवेज, एमिरेट्स, एयर फ्रांस, लुफ्थांसा, स्पाइस जेट आदि) कार्यरत हैं जिनके बीच वैश्विक स्तर पर समन्वय होना आवश्यक है खासकर अगर भविष्य की दृष्टि से देखें पब्लिक ट्रांसपोर्ट व गुड्स ट्रांसपोर्ट दोनों में ड्रोन टेक्नोलॉजी सबसे अहम भूमिका निभाने जा रही है इसलिए ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर (यातायात) में काम करने वाली कई विश्वप्रसिद्द एयरलाइन व ऑटोमोबाइल कम्पनीज, ड्रोन टेक्नोलॉजी में जल्द से जल्द कुछ नया खोज पाने की होड़ में दिन रात रिसर्च वर्क में लगी हुई हैं !
अगर आसान भाषा में कहा जाए तो बच्चों के किसी स्काई वॉर गेम में दिखाए जाने वाले यू. एफ. ओ. (उड़नतश्तरी) टाइप छोटे से यान की ही तरह, निकट भविष्य में अधिकाँश लोग एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए हवा में उड़ने वाले बैटरी चलित ड्रोन वाहनों का उपयोग ही करेंगे क्योकि इससे समय की काफी बचत होगी पर यह तभी संभव हो पायेगा जब ड्रोन वाहनों से जुड़े हर तरह के खतरनाक रिस्क फैक्टर (जैसे हवा में उड़ते वक्त कोई तकनीकी खराबी आ जाने पर ड्रोन यान का जमीन पर गिर जाने का डर) को कम से कम किया जा सके ! हालांकि कुछ महत्वाकांक्षी कम्पनीज इस खोज पर भी बेहद गंभीरता से शोध कर रहीं है कि कैसे बिजली को भी बिना किसी तार की मदद के, रेडियो सिग्नल की ही तरह हवा में एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसमिट किया जा सके ! अगर ऐसा सम्भव हो सका बहुत सी मशीनों में बैटरी की भी उपयोगिता काफी कम हो जायेगी जिसकी वजह से लिथियम, निकल, कॉपर, कोबाल्ट आदि जैसी खनिज धातुओं का दोहन कम से कम होगा, जिससे पर्यावरण का नुकसान भी कम हो सकेगा !
संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था “यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट” (UN Global Compact Network India; https://globalcompact.in/) और सड़क यातायात के लिए विश्व प्रसिद्ध इन्नोवेटिव (आश्चर्यजनक) कार बनाने वाली कंपनी “बी. एम्. डब्ल्यू.” (BMW Group; https://www.bmw.in/en/index.html) द्वारा 27 अक्टूबर 2021 को भारतवर्ष के इन्नोवेटिव विकासीय मुद्दों पर आयोजित सभा में भी परिमल पराशर जी आमंत्रित थे ! “यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट” के ही इवेंट “बिजनेस एम्बिशन फॉर क्लाइमेट एक्शन – लाइव फ्रॉम COP26” (Business Ambition for Climate Action – Live from COP26) में भी परिमल जी आमंत्रित थे !
17 नवंबर 2021 को संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली के 76 वें सेशन के प्रेसिडेंट महामहिम अब्दुल शाहिद (His Excellency Mr. Abdulla Shahid, President of 76th Session of the UN General Assembly) द्वारा न्यूयॉर्क स्थित मुख्य कार्यालय में आयोजित मीटिंग में भी श्री परिमल पराशर जी आमंत्रित थे लेकिन चूंकि इस मीटिंग का इनविटेशन काफी विलम्ब से (मीटिंग से मात्र 12 घंटे पहले) प्राप्त हुआ था इसलिए इस मीटिंग में शामिल होने के लिए परिमल जी का तुरंत भारत से न्यूयॉर्क पहुंच पाना सम्भव नहीं हो सका ! कोरोना की सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का पालन करने की वजह से पूरे विश्व से बेहद कम और चुनिन्दा लोगों को ही इस मीटिंग में आमंत्रित किया गया था जिसका रिकार्डेड वीडियो देखने के लिए कृपया संयुक्त राष्ट्र संघ की वेबसाइट पर दिए गए इस लिंक पर क्लिक करें- President of the General Assembly Townhall with Civil Society ! अभी 25 सितम्बर 2021 को जनरल असेंबली के इसी 76 वें सेशन में ही भाग लेने के लिए भारत देश की तरफ से श्री नरेंद्र मोदी जी भी न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य कार्यालय में गए थे जिसके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- https://www.abplive.com/news/india/exclusive-what-will-pm-modi-say-in-his-address-to-the-united-nations-general-assembly-a-day-before-pak-pm-will-speak-ann-1964924
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
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