पूरे विश्व से न्यूक्लियर वेपन्स की समाप्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली द्वारा बुलाई गयी हाई लेवल मीटिंग में भाग लिया हमारे स्वयं सेवक ने
आप सभी आदरणीय पाठकों को प्रणाम,
न्यूक्लियर वेपन्स (परमाणु हथियार) से हो सकने वाले संभावित खतरों के प्रति गंभीर व सर्वव्यापी जागरूकता लाया जा सके ताकि परमाणु हथियार मुक्त एक विश्व का निर्माण सम्भव हो सके, इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली ने 26 सितम्बर 2022 को “इंटरनेशनल डे फॉर द टोटल एलिमिनेशन ऑफ़ न्यूक्लियर वेपन्स” के अवसर पर एक हाई लेवल की मीटिंग का आयोजन किया था अपने न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय के ट्रस्ट्रीशिप कॉउंसिल चैम्बर में (a High Level meeting to commemorate and promote the International Day for the Total Elimination of Nuclear Weapons – General Assembly, 77th session on 26 September 2022 in the Trusteeship Council Chamber at United Nations Headquarters, New York) !
यह मीटिंग सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चली थी और इस मीटिंग में शामिल होने के लिए पूरे विश्व से जिन चुनिंदा लोगों को निमंत्रण भेजा गया था उनमें से एक हमारे “स्वयं बनें गोपाल” समूह के प्रधान स्वयं सेवक श्री परिमल पराशर जी भी थे ! चूंकि इस मीटिंग का “इन पर्सन इन्विटेशन” (In-Person Invitation, व्यक्तिगत निमंत्रण पत्र) मात्र 5 दिन पूर्व ही प्राप्त हुआ था इसलिए श्री परिमल पराशर जी खुद न्यूयॉर्क नहीं जा सके थे और उन्होंने ऑनलाइन ही इस मीटिंग में भाग लिया था ! इस मीटिंग का रिकार्डेड वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए कृपया संयुक्त राष्ट्र संघ की मीडिया वेबसाइट के इन 2 लिंक्स पर क्लिक करें- (Part- 1) High Level plenary meeting to commemorate and promote the International Day for the Total Elimination of Nuclear Weapons – General Assembly, 77th session और Part- 2 of meeting !
विश्व की सबसे शक्तिशाली संसद माने जाने वाली जनरल असेंबली से परमाणु बम उन्मूलन के लिए प्रयास करना निश्चित रूप से सार्थक साबित होना चाहिए क्योकि जनरल असेंबली में ही विश्व के लगभग सभी देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री के साथ – साथ आम जनमानस के बीच मौजूद ऐसी ग्लोबल पर्सनैलिटीज का भी आगमन होता है जो विश्व की दिशा व दशा बदलने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं (जैसे देखें जनरल असेंबली के इसी सेशन में भाग लेने पहुंचे अमेरिकन राष्ट्रपति व ब्रिटेन की प्राइम मिनिस्टर की मुलाक़ात का संक्षिप्त वीडियो- Prime Minister Liz Truss meets President Joe Biden at General Assembly) ! परिमल पराशर जी को जनरल असेंबली के इस वर्ष के 77 वें सेशन से पहले भी, पिछले वर्षों के 76 वें सेशन तथा 75 वीं वर्षगाँठ के युवा महाअधिवेशन में भी आमंत्रित किया जा चुका है (जिनके बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल के नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें) !
वास्तव में ऐसा नहीं है कि परमाणु बम के सिर्फ नुकसान ही हैं और कोई भी फायदा नहीं है ! क्योकि दुनिया में कोई भी चीज ऐसी नहीं हो सकती है जो सौ प्रतिशत लाभ शून्य हो, जैसे सांपो से अधिकाँश लोग नफरत करते हैं लेकिन सांपो के जहर से ही लकवा, पार्किंसन, हृदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों की दवाएं भी बनती है ! ठीक इसी तरह कई वैज्ञानिक मानते हैं अंतरिक्ष से पृथ्वी की तरफ बढ़ने वाले कुछ ऐसे बड़े उल्कापिण्डो जिनके टकराने से पृथ्वी से पूरी मानव जाति समाप्त हो सकती है (जैसे माना जाता है कि कई करोड़ साल पहले एक बड़े उल्कापिंड के टकराने से ही पृथ्वी के सारे डायनासोर मर गए थे), वैसे उल्कापिंडों को पृथ्वी पर टकराने से पहले रोकने या उनका रास्ता बदलने के लिए जिस स्तर की भीषण ताकत की आवश्यकता होगी, वैसी ताकत फिलहाल अगर किसी में है तो वो है सिर्फ परमाणु बम में; अधिक जानकारी के लिए कृपया मीडिया में प्रकाशित यह खबर पढ़ें-
धरती पर मंडरा रहा तबाही का खतरा, परमाणु बम बचा सकते हैं जान: वैज्ञानिक
सारांश यही है कि कभी भी, कोई भी टेक्नोलॉजी केवल अच्छी या केवल बुरी नहीं होती है, बल्कि उसका उपयोग अच्छा या बुरा होता है, लेकिन इस कलियुग की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कभी भी किसी भी देश के सर्वोच्च पद पर बैठे हुए शासकों की बुद्धि विचलित हो सकती है इसलिए फ़िलहाल परमाणु हथियारों का दुरूपयोग होने की संभावना कही ज्यादा है ! अतः विश्व हित में सर्वोत्तम यही रहेगा कि वर्तमान के सभी परमाणु हथियारों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए ताकि कोई भी शासक किसी भी युद्ध में गलती से भी परमाणु हथियार का प्रयोग ना कर सके ! और अगर भविष्य में कोई दुर्लभ व अनअवॉइडेबल आवश्यकता (जैसे- पृथ्वी के लिए खतरनाक किसी बड़े उल्कापिंड को नष्ट करने की आवश्यकता) आ पड़े तो सभी देश आपसी सहयोग से किसी नए परमाणु हथियार का निर्माण करके इस्तेमाल कर सकते हैं (लेकिन भगवान से सदा यही प्रार्थना रहेगी कि मानव सभ्यता को भविष्य में भी कभी भी परमाणु हथियार जैसे विनाशकारी चीज का निर्माण करने की आवश्यकता बिल्कुल ना पड़े) !
वैसे पृथ्वी वासियों के सामने न्यूक्लियर वेपन्स का दुरूपयोग ही एकमात्र बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि भविष्य की दृष्टि से तो भोजन, साफ़ पानी व हवा की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है ! इन चुनौतियों के बारे में हम अपनी पूर्व के आर्टिकल्स (जिनके लिंक्स इस आर्टिकल के नीचे दिए गए हैं) में भी चर्चा कर चुकें हैं कि कैसे हमारे समुद्र इनके समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ! उम्मीद है कि आपने सुना होगा कि वैज्ञानिकों ने समुद्र के अंदर इतने बड़े जंगलों की खोज की है जिनका आकार भारत देश से भी दोगुना बड़ा है, जिनके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया मीडिया में प्रकाशित इस न्यूज़ लिंक पर क्लिक करें- समुद्र के अंदर मिला विशालकाय जंगल, आकार में भारत के क्षेत्रफल से दोगुना
इसी संदर्भ में हम आपको बताना चाहेंगे कि, म्यूच्यूअल पार्टनरशिप व प्रायोरिटी सेटिंग द्वारा समुद्र विकास पर आधारित एक मीटिंग का आयोजन हुआ था (10 मई से 12 May 2022 तक) जिसके आयोजक यूनेस्को के इंटरगवर्नमेंटल ओशियोंनोग्राफ़िक कमिशन (Intergovernmental Oceanographic Commission of UNESCO; https://ioc.unesco.org/) और इजिप्ट देश के वैज्ञानिक अनुसन्धान व उच्च शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Higher Education & Scientific Research of Government of Egypt; http://portal.mohesr.gov.eg/en-us/Pages/default.aspx) थे, और इस मीटिंग में परिमल पराशर जी को भी आमंत्रित किया गया था !
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
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