सिर्फ तीन दिनों में ही कफ बनना निश्चित कम करने वाला योगासन
कोई कफ का चाहे कितना भी पुराना मरीज क्यों ना हो, इस योगासन को करने से, मात्र तीन दिनों में ही उसके शरीर में कफ का बनना कम होने लगता है और इस आसन को नियमित करने से कफ से सम्बंधित लगभग सभी बिमारियों से हमेशा के लिए मुक्ति भी पायी जा सकती है (Cough treatment by Yoga Asana Pranayama)!
इस योगासन से ना केवल कफ बल्कि शरीर की अन्य सैकड़ों बिमारियों में बहुत ही ज्यादा फायदा मिलता है ! सबसे बड़े फायदों में से एक है कि इसके नियमित अभ्यास से की त्वचा में निखार आने लगता है ! इसके अलावा बालों का सफ़ेदपन और गंजापन भी मिटने लगता है, आँखों की रौशनी बढ़ने लगती है, दांत व मसूढ़े भी मजबूत बनतें हैं, कान दर्द व कान के बहने में लाभ मिलता है, हृदय की ताकत बढती है, पेनक्रियाज (अग्नाशय) की कार्य क्षमता बढाकर इन्सुलिन का स्राव बढ़ाता है जिससे डायबिटिज के मरीजों का शूगर लेवल सामान्य होने में मदद मिलती है, पाचन शक्ति मजबूत होती है और कब्ज, गैस व् बवासीर से भी मुक्ति मिलती है, साइनस, टोंसिल, थायराइड, पुराना नजला जुखाम, खांसी आदि समस्याओं में भी आराम पहुँचता है ! यौन शक्ति में भी इजाफा होता है, शीघ्र पतन व यौनांग की शिथिलता से मुक्ति मिलती है और वीर्य की स्तम्भन शक्ति, शुक्राणुओं की संख्या व गतिशीलता बढ़ती है ! मासिक धर्म सम्बन्धी रोग दूर होतें हैं ! पेट की चर्बी कम होती है ! रीढ़ की हड्डी व पीठ मजबूत एवं निरोगी बनतें हैं ! मानसिक एकाग्रता व याद्दाश्त में वृद्धि होती है और सभी तरह के सिर दर्द व माईग्रेन का खात्मा होता है, इसके अतिरिक्त सभी तरह के तनाव, डिप्रेशन, दुःख, अवसाद का भी नाश होकर मन में शांति व ताजगी महसूस होती है !
वैसे तो यह योगासन करने में बहुत आसान है पर इस योगासन का अभ्यास अर्थात करने का समय धीरे धीरे बढ़ाना चाहिए खासकर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को (गर्भवती स्त्रियां इसका अभ्यास ना करें) !
इस योगासन का नाम है,- “योग मुद्रासन (The Psychic Union Pose)” और यह बार बार का आजमाया हुआ अनुभूत नुस्खा है कि इस योगासन को करने से बड़े से बड़े कफ के मरीज को भी आराम निश्चित मिलने लगता है !
आराम जल्दी मिलेगा या देर में ; यह इस पर निर्भर करता है कि कौन कफ की बीमारी से किस हद तक पीड़ित है और कौन इस योगासन को कितनी देर तक रोज करता है पर “स्वयं बनें गोपाल” समूह एक बात के लिए बार बार अपने आदरणीय पाठकों को सावधान करता रहता है कि, जल्दी फायदा पाने के चक्कर में किसी भी योगासन, प्राणायाम या अन्य किसी भी एक्सरसाईज को पहले ही दिन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं कर लेना चाहिए अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की भी संभावना रहती है अतः योग मुद्रा को अपनी उम्र व शारीरिक मजबूती के आधार पर पहले दिन कम से कम 10 सेकेंड्स से लेकर अधिकतम 2 मिनट तक करें तो बेहतर है, और फिर अगले एक से तीन महीनों में धीरे धीरे इसका अभ्यास बढ़ाते हुए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट तक पहुचाएं !
इस योगासन का चित्र ऊपर दर्शाया गया है और इसे करने के लिए सर्वप्रथम समतल जमींन पर सूती चद्दर या भेड़ के बाल से बना कम्बल बिछा कर पद्मासन में बैठे !
पद्मासन वही आसन होता है जिसमें बाएं पैर के पंजे को दाई जांघ पर रखना होता है और दायें पैर को बायीं जांघ पर रखना होता है !
पूरी कोशिश करें पद्मासन में ही बैठने की, लेकिन अगर किसी कारण वश पद्मासन में बैठना संभव ना हो पाए तो सुखासन अर्थात साधारण पालथी मारकर ही बैठ जाएँ !
फिर दोनों हाथ पीठ के पीछे ले जाकर, बाए हाथ की उँगलियों से दाहिने हाथ की कलाई पकड़ लें !
फिर इसके बाद सांस बाहर निकालते हुए, धीरे धीरे कमर के ऊपर का हिस्सा, सामने की ओर इतना झुकाएं कि माथा जमीन को छूने लगे (जिनकी तोंद निकली हो उन्हें पहले दिन माथे को जमीन से छूने में दिक्कत हो सकती है, पर धीरे धीरे कुछ दिनों बाद उनका भी माथा जमीन छूने लगेगा) !
इसी स्थिति में कम से कम 2 मिनट और अधिक से अधिक ऊपर वर्णित समय अनुसार रुके रहें ! इसी स्थिति में रुके हुए आप धीरे धीरे सांस ले व छोड़ भी सकतें हैं !
फिर जब समय पूरा हो जाए तो धीरे धीरे सांस अंदर लेते हुए कमर के ऊपर का शरीर, ऊपर उठायें और फिर हाथों का बंधन छोड़कर वापस नार्मल स्थिति में आ जाएँ !
यह हुआ, योग मुद्रा करने का तरीका !
कोई भी योगासन सुबह खाली पेट करने से सबसे ज्यादा फायदा मिलता है ! अगर सुबह पानी या चाय पिया हो तो एक से डेढ़ घंटे बाद इस आसन को करना चाहिए पर कुछ ठोस सामान खाया हो तो कम से कम 4 घंटे बाद ही इस आसन को कर सकतें हैं ! इस आसन को करने के आधे घंटे बाद ही कुछ खाना या पीना चाहिए पर अगर बहुत प्यास लगे तो बीच में भी या करने के तुरंत बाद सिर्फ एक दो घूँट पानी पीया जा सकता है !
योग मुद्रा का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए इस आसन को करने के तुरंत बाद इसके विपरीत आसन अर्थात भुजंगासन व शलभासन को कम से कम 2 – 2 मिनट कर लेना चाहिए !
भुजंगासन व शलभासन के चित्र यहाँ दिए गएँ हैं और इन्हें करने की विस्तृत विधि जानने के लिए कृपया, ठीक नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-
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