श्री विनोद बिहारी गर्ग, विशनगढ़ का कहना है कि आजकल शहरों में बच्चों की सुरक्षा भी एक पेचीदा समस्या है। लड़के स्कूल में पढऩे जाते हैं, वहां कोई जन्मजात दुष्ट प्रकृति के ऐसे लड़के...
महर्षि अरविन्द – इनका मूल नाम अरबिंदो घोष है । आधुनिक काल में भारत में अनेक महान क्रांतिकारी और योगी हुए हैं, अरबिंदो घोष उनमें अद्वितीय हैं। अरविंदो घोष कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे...
चौधरी अमरसिंह जी, इन्दौरा लिखते हैं कि अन्य साधनाओं की अपेक्षा मैं गायत्री मंत्र को इस वास्ते महव देता हूं कि जब मैं इस साधन के पूर्व अन्य प्रणालियां से साधना करता रहा तो...
चैतन्य महाप्रभु – भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में...
श्रीमती चन्द्रकान्ता जेरथ बी.ए. दिल्ली लिखतीं हैं कि मुझे बचपन से ही गायत्री मन्त्र सिखाया गया था सो स्नान के बाद इसका 108 बार उच्चारण करने का स्वभाव हो गया था। पिता जी से...
श्री गोपीनाथ कविराज – ये संस्कृत के विद्वान और महान दार्शनिक थे। योग और तंत्र के प्रकांड विद्वान डॉ. गोपीनाथ कविराज का जन्म 7 सितम्बर 1887 ई. में ढाका (अब बंगलादेश में) ज़िले के...
पं. राधेश्याम शर्मा पोस्ट मास्टर दीक्षितपुरा लिखते हैं कि जब से मैंने गायत्री माता की शरण ली, तब से मेरा जीवन उत्तरोत्तर उन्नतशील दृष्टिïगोचर होता है। पहले की अपेक्षा मुझे अपने स्वभाव में पर्याप्त...
बाला जी (राजस्थान) – यहाँ भूत-प्रेतादि उपरी बाधाओं के निवारणार्थ यहां आने वालों का तांता लगा रहता है। तंत्र-मंत्रादि, उपरी शक्तियों से ग्रसित व्यक्ति भी यहां पर बिना किसी दवा-दारू और तंत्र मंत्रादि से...
(भाई राजीव दीक्षित सही मायने में आधुनिक युग के निर्भीक कान्तिकारी थे जिन्होंने कानपुर आई आई टी से M. TECH और अन्य कई बड़े साइंस प्रोजेक्ट से जुड़ने के बावजूद अपना सुनहरा वर्तमान और...
प्रभूदयाल शर्मा, संपादक सनादय-जीवन लिखते हैं कि मेरे बड़े पुत्र की स्त्री को कई वर्ष तक एक प्रेतात्मा लग गई थी। उससे उसे बड़ा कष्ट होता था। बार-बार बेहोश हो जाती थी। उसे कभी...
पद्मनाभ मंदिर – पद्मनाभ मंदिर, केरल में वो रहस्यमयी मंदिर है जहाँ पर प्राचीन काल से अनगिनत धनराशि सहेज कर रखी गयी है। इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर का राज परिवार करता है जो...
पं० बालचरण मिश्र, नसरुल्लाह गंज, लिखते हैं कि मेरे पिता जो इटावा जिले के निवासी थे श्री गायत्री के पक्के उपासक थे। प्रात: काल 4 बजे उठकर शौच क्रिया स्नान आदि के बाद सन्ध्या...
काशी विश्वनाथ मंदिर – श्री काशी धाम के कण-कण में अतुलनीय चमत्कार भरे पड़ें हैं बस जरूरत है उन्हें महसूस कर पाने की पात्रता की ! प्रलयकाल में भी इसका लोप नहीं होता। उस...
श्री शोभाराम गाप, शंकरपुर, लिखते हैं कि हमारा भतीजा राम किशोर बड़े उत्साही स्वभाव का था। सब कामों में आगे रहता था। साथियों को पहलवानी करने का शौक हुआ तो वह भी अखाडें जाने...
शिंगणापुर का शनि मंदिर – देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्वप्रसिद्ध इस शनि मंदिर की...