G7, G20, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका – फ्रांस – जापान समेत कई देशों की सरकारों के साथ – साथ “स्वयं बनें गोपाल” समूह भी मेम्बर बना इस ग्लोबल पार्टनरशिप का
आप सभी आदरणीय पाठकों को प्रणाम,
वास्तव में समुद्रों का सरंक्षण दुनिया की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है और पृथ्वी पर स्थित जीवों का जीवनचक्र सुगमता पूर्वक चलते रहने के लिए, समुद्रों का सरंक्षण कितना आवश्यक है, इसके बारे में “स्वयं बनें गोपाल” समूह इन पूर्व प्रकाशित आर्टिकल्स में भी वर्णन कर चुका है – फ्रांस सरकार व संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आगामी उच्चस्तरीय सभा के एक्शन पैनल में मदद की “स्वयं बनें गोपाल” समूह ने, और , यूनेस्को के सामुद्रिक उपक्रम ने भी “स्वयं बनें गोपाल” समूह को स्वीकृत किया) !
समुद्र में प्रदूषण तब होता है जब मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले या फैलाए गए पदार्थ, जैसे औद्योगिक – कृषि – आवासीय अपशिष्ट पदार्थ, अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड, हानिकारक जैविक सरंचना आदि महासागर में प्रवेश करके, वहां हानिकारक प्रभाव पैदा करते हैं ! कूड़ा – कचरा – अपशिष्ट पदार्थों आदि के प्रबंधन के अकुशल तरीके, तथा आंधी – तूफ़ान – सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएँ, समुद्री मलबे के बड़े हिस्से को समुद्रों व झीलों में प्रवेश करने में मदद करती हैं ! मछली पकड़ने के विभिन्न उपकरण भी कचरे में योगदान कर सकते हैं ! समुद्री पर्यावरण में तेल का रिसाव, प्राकृतिक रिसावों, महासागर आधारित व भूमि आधारित स्रोतों से हो सकता है (जैसे- जहाजों/टैंकरों, अपतटीय प्लेटफार्मों व पाइपलाइनों से तेल रिसाव) !
सारांशतः समुद्र में सबसे ज्यादा प्रदूषण प्लास्टिक के सामानो से होता है ! समुद्र में पाए जाने वाले सबसे आम सामानों में प्लास्टिक की बोतलें, बैग, खाद्य कंटेनर, कटलरी, रैपर, सिंथेटिक रस्सी व मछली पकड़ने की वस्तुएं आदि शामिल होती हैं ! वास्तव में यह अत्यंत दुःखद है कि हर साल लगभग 10 मिलियन टन से भी ज्यादा प्लास्टिक कचरा समुद्र में पहुंच जाता है, जिसकी वजह से लगभग 250 से ज्यादा जीवों की प्रजातियों को नुकसान पहुंचा है और लगभग 10 लाख से ज़्यादा समुद्री जानवर हर साल मर जाते हैं !
अतः अगर प्लास्टिक से बनी चीजों का उपयोग पूरी तरह से समाप्त कर पाना सम्भव ना हो, तो यथासंभव कम से कम उपयोग करना चाहिए और समुद्र तटों की नियमित सफ़ाई करने से भी प्लास्टिक की बड़ी मात्रा को समुद्र में जाने से रोका जा सकता है, इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए, जनता व सरकार को मिलजुल कर काम करना होगा !
समुद्रों का प्लास्टिक व अन्य अपशिष्ट पदार्थों से बचाव के अतिरिक्त समुद्रों का सर्वविध सरंक्षण कर सकने के लिए, एक ग्लोबल पार्टनरशिप (वैश्विक समिति) की स्थापना की गयी है जिसमें “स्वयं बनें गोपाल” समूह के साथ – साथ पूरे विश्व से ऐसी संस्थाओं को मेम्बर (सदस्य) बनाया गया है, जो इन उद्देश्यों की पूर्ती में सहायक सिद्ध हो सकती हैं !
इस ग्लोबल पार्टनशिप का नाम है- “ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन प्लास्टिक पॉल्यूशन एंड मरीन लिटर” (Global Partnership on Plastic Pollution and Marine Litter- GPML) और इस पार्टनरशिप के मुख्य संचालक है- जर्मन सरकार का पर्यावरण व परमाणु सुरक्षा मंत्रालय (German Federal Ministry For Environment Nature Conservation & Nuclear Safety ; https://www.bmuv.de/en/) व अमेरिकन सरकार का राष्ट्रीय सामुद्रिक व वातावरण नियंत्रक विभाग (National Oceanic and Atmospheric Administration – US Department Of Commerce ; https://www.noaa.gov/about) तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की ये 4 संस्थाएं- UNEP (https://www.unep.org/), FAO (https://www.fao.org/home/en/), IMO (https://www.imo.org/), GESAMP (http://www.gesamp.org/) आदि, जिनके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस पार्टनरशिप की वेबसाइट के इस लिंक पर क्लिक करें- https://digital.gpmarinelitter.org/page/who-we-are
इस पार्टनरशिप की वेबसाइट पर “स्वयं बनें गोपाल” समूह का विवरण देखने के लिए कृपया इसकी वेबसाइट में दिए गए लिंक “Partner Network” (जो कि “Community Hub” लिंक के अन्तर्गत है) पर क्लिक करें या इस लिंक पर क्लिक करें- https://digital.gpmarinelitter.org/community-hub और उसके पश्चात् नए खुलने वाले पेज में, सबसे ऊपर बायीं तरफ बने हुए सर्च बॉक्स में “Svyam Bane Gopal” टाइप करके खोजें (आदरणीय पाठकों की सुविधा के लिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह के विवरण वाले पेज का स्क्रीन शॉट, इसी आर्टिकल में उपर्युक्त फोटो के रूप में भी प्रकाशित है) !
इस ग्लोबल पार्टनरशिप से, “स्वयं बनें गोपाल” समूह के साथ – साथ लगभग सभी प्रमुख देशों की सरकारें व उनके मंत्रालय तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की कई संस्थाएं भी मेम्बर के तौर पर जुड़ी हुई हैं, जिनके बारे में जानने के लिए भी कृपया इसकी वेबसाइट के “Partner Network” लिंक (यानी उपर्युक्त दिए गए इसी लिंक- https://digital.gpmarinelitter.org/community-hub) पर ही क्लिक करके सभी मेम्बर संस्थाओं का विवरण देखें या उनमें से कुछ मेम्बर संस्थाओं का नाम निम्नलिखित लिस्ट में भी देख सकते हैं-
• G7
• G20
• European Union
• European Commission
• European Union Agency for the Space Programme
• Government of the United States of America
• Government of Russia
• Government of France
• Government of Switzerland
• Government of Canada
• Government of Israel
• Government of Japan
• Government of Qatar
• Government of Saudi Arabia
• Government of Ireland
• Government of the United Arab Emirates
• Government of Italy
• Government of Bahamas
• Government of Belgium
• Government of Mexico
• Government of Spain
• Government of Sweden
• Government of Denmark
• Government of Trinidad and Tobago
• Government of Iceland
• Government of Antigua and Barbuda
• Government of Tuvalu
• Government of Tunisia
• Government of Tonga
• Government of Vanuatu
• Government of Zimbabwe
• Government of Timor-Leste
• Government of Uzbekistan
• Government of Belize
• Government of Benin
• Government of Bhutan
• Government of Bosnia And Herzegovina
• Government of Cameroon
• Government of Cape Verde
• Government of Brunei Darussalam
• Government of Burkina Faso
• Government of Chad
• Government of Cyprus
• Government of Comoros
• Government of Republic of the Congo
• Government of Czechia
• Government of Djibouti
• Government of Dominica
• Government of El Salvador
• Government of Estonia
• Government of Fiji
• Government of Gabon
• Government of Gambia
• Government of Georgia
• Government of Greece
• Government of Guatemala
• Government of Hungary
• Government of Maldives
• Government of Mali
• Government of Malta
• Government of the Marshall Islands
• Government of Monaco
• Government of Mongolia
• Government of Namibia
• Government of Nauru
• Government of Nepal
• Government of New Zealand
• Government of Nigeria
• Government of Oman
• Government of Palau
• Government of Papua New Guinea
• Government of Portugal
• Government of Rwanda
• Government of Saint Kitts & Nevis
• Government of Samoa
• Government of San Marino
• Government of Serbia
• Government of Seychelles
• Government of Slovakia
• Government of Saint Vincent & Grenadines
• Government of Eswatini
• Government of Bulgaria
• Government of Croatia
• Government of Ethiopia
• Government of Guyana
• Government of Morocco
• Government of Romania
• Government of Philippines
• Government of Thailand
• Government of Uganda
• Government of Algeria
• Government of Botswana
• Government of Bolivia (Plurinational State Of)
• Government of Turkey
• Government of Zambia
• Government of Argentina
• Government of India
• United Kingdom Department for Environment, Food & Rural Affairs
• Australian National Centre for Ocean Resources and Security
• Finland Ministry of the Environment
• Norwegian Ministry of Climate and Environment
• Ministry of Environment and Water Resources, Singapore
• Nerthelands Ministry for Infrastructure & Environment
• Brazilian Commission of Nuclear Energy
• Department of Forestry Fisheries and Environment, South Africa
• Ministry of Energy, Science, Technology, Environment, Malaysia
• Ministry of Environment and Sustainable Development, Colombia
• Ministry of Popular Power for Ecosocialism, Venezuela
• Indonesian Ministry of Waste
• Ministry of Environment, Mauritius
• National Environment Management Authority, Kenya
• Ministry of Environment and Forest Resources, Togo
• Ministry of Foreign Affairs and Human Mobility, Ecuador
• Ministry of Environment, Climate Change, Solomon Islands
• Ministry of Environment and Sustainable Development, Ivory Coast
• Environment and Conservation Division, National Government of Kiribati
• Ministry of Sustainable Development and Tourism, Montenegro
• Ministry of Environment and Sustainable Development, Madagascar
• Ministry of Oceans and Fisheries, Republic of Korea
• United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization (UNESCO)
• United Nations Industrial Development Organization (UNIDO)
• United Nations Economic & Social Commission for Asia & Pacific (UNESCAP)
• United Nations Conference on Trade and Development (UNCTAD)
• United Nations Institute for Training and Research
• United Nations Major Group for Children and Youth (MGCY)
• United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs (OCHA)
• United Nations World Tourism Organization (UNWTO)
• United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs (OCHA)
• United Nations Habitat
• United Nations Development Programme (UNDP)
• UNISC International
• United Nations Peacekeeping Force Council
• World Economic Forum
• World Bank
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !