चंदन सम्पूर्ण भारत में पाया जाने वाला वृक्ष है। यह मध्यम श्रेणी का वृक्ष होता है। तथा मुख्यत: ठण्डे व शीतोष्ण प्रदेशों में पाया जाता है, वनस्पति जगत के ‘‘सैण्टेलेसी’’ (SANTALACEAE) ‘‘सैण्टेलम एल्बम’’ (SANTALUM...
झुर्रिया और आँखों के नीचे कालेपन या झाइयाँ होने पर पूरे चेहरे की खूबसूरती को उसी तरह ख़राब करते है जैसे चाँद में दाग ! इनके होने के पीछे कई कारण हो सकते है...
धर्म सिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आई कि मैं बूढ़ी होती जाती हूँ, मरने से पहले एक बार तुम्हें देखने की अभिलाषा है, यहाँ...
मेरी बाल-स्मृतियों में ‘कजाकी’ एक न मिटने वाला व्यक्ति है। आज चालीस साल गुजर गये; कजाकी की मूर्ति अभी तक आँखों के सामने नाच रही है। मैं उन दिनों अपने पिता के साथ आजमगढ़...
श्री परमानन्द जी ढावर, पंढारी लिखते हैं कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन जिसका होगा उसमें सन्तानोत्पत्ति की स्वाभिव क्षमता होगी। शरीर या मन को रोगी होने के कारण ही सन्तानोपत्ति में बाधा पड़ती...
मासिक धर्म (Periods) से सबन्धित समस्याएँ- मासिक धर्म चक्र की अनियमिता की जितनी सभी समस्याएँ है इसकी हमारे आयुर्वेद मे बहुत ही अच्छी और लाभकारी ओषधी है, अशोक के पेड़ के पत्तों की चटनी।...
श्री जीवन लाल वर्मा, सरसई का कहना है यदि छोटे बालक, भावुक हृदय माता-पिता की आँखों के तारे होते हैं। जब पशु-पक्षी तक अपने बालकों को इतना प्यार करते हैं तो बुद्घिजीवी मनुष्यों में...
गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या के वजह से यदि पेट की अग्नि किसी कारण से मंद पड़ जाये तो appetite (भूख) लगनी बंद हो जाती है जिससे आदमी leanness or thinness (दुबलेपन) का शिकार...
श्री अयोध्या प्रसाद दीक्षित, कानपुर से लिखते हैं कि मेरी धर्मपत्नी ने अपने विवाह से पूर्व हिन्दी मिडिल किया था। इस बात को एक लम्बी मुद्दत बीत गई। विवाह के उपरान्त वह घर गृहस्थी...
कैसे आये प्रभु 16 कलाओ के साथ – द्वापर युग में पृथ्वी पर राक्षसो के अत्याचार बढने लगे पृथ्वी गाय का रूप धारण कर अपनी कथा सुनाने के लिए तथा उद्धार के लिए ब्रह्मा...
जेल जाने के पहले जेल के संबंध में हृदय में नाना प्रकार के विचार काम करते थे। जेल में क्या बीतती है, यह जानने के लिए बड़ी उत्सुकता थी। कई मित्रों से, जो इस...
श्री अम्बाशंक गोविन्द जी व्यास, जूनागढ़ ने लिखा है कि परिस्थितियोंवश में स्कूली शिक्षा बहुत ही कम प्राप्त कर सका। कक्षा चार उत्तीर्ण करने के बाद रोटी कमाने की चिन्ता हुई और 12 रुपया...
शक्तिपीठ कथा – दक्ष प्रजापति की कई पुत्रियां थी। सभी पुत्रियां गुणवती थीं। फिर भी दक्ष के मन में संतोष नहीं था। वे चाहते थे उनके घर में एक ऐसी पुत्री का जन्म हो,...
मैं ‘संगमहाल’ का कर्मचारी था। उन दिनों मुझे विन्ध्य शैल-माला के एक उजाड़ स्थान में सरकारी काम से जाना पड़ा। भयानक वन-खण्ड के बीच, पहाड़ी से हटकर एक छोटी-सी डाक बँगलिया थी। मैं उसी...
पं. श्रीकृष्ण शुक्ल, देहली का कहा है कि गायत्री का आश्रय से मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर सकता है। कोई वस्तु नहीं जिसे गायत्री साधक प्राप्त न कर सके। अनुभवी लोगों ने ऐसा ही...
पांडवों वनवास कथा – बात पांडवों के वनवास की है। जुए में हारने के बाद पांडवों को बारह वर्ष का वनवास और एक साल का अज्ञातवास गुजारना था। वनवास के दौरान अर्जुन ने दानवों...