वैसे तो पतंजलि योग शास्त्र व अन्य प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में “योग” की बहुत सी परिभाषाएं दी गई हैं लेकिन उन सभी परिभाषाओं के सारांश रूप को आसान भाषा में कहा जाए तो “योग”...
{This article is English version of previously published article titled – वैज्ञानिकों के लिए अबूझ बनें हैं हमारे द्वारा प्रकाशित तथ्य which was published on 31st December 2017 on “Svyam Bane Gopal” Group’s website}...
{This article is English version of previously published article titled – ऋषिसत्ता की आत्मकथा 1 पृथ्वी से गोलोक, गोलोक से पुनः पृथ्वी की आश्चर्यजनक यात्रा which was published on 27th March 2017 on “Svyam...
{This article is English version of previously published article titled – जानिये, मानवों के भेष में जन्म लेने वाले एलियंस को कैसे पहचाना जा सकता है which was published on 23rd July 2016 on...
{This article is English version of previously published article titled – यहाँ कल्पना जैसा कुछ भी नहीं, सब सत्य है which was published on 21st January 2017 on “Svyam Bane Gopal” Group’s website} {The...
{This article is English version of previously published article titled – सावधान, पृथ्वी के खम्भों का कांपना बढ़ता जा रहा है which was published on 26th December 2015 on “Svyam Bane Gopal” Group’s website}...
आज हठयोग (अष्टांग योग) के कुछ अभ्यासों (जैसे- आसन, प्राणायाम, मुद्रा, ध्यान आदि) के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी तो लगभग सभी को है लेकिन राजयोग की एक परम शक्तिशाली व अद्भुत असरदायक चिकित्सा...
{नोट- पहली कविता “स्वयं बनें गोपाल” समूह से जुड़े हुए एक आदरणीय स्वयं सेवक द्वारा रचित है ! पहली कविता के अंत में प्रकाशित दूसरी कविता श्री देवयानी जी की है जिनकी हम पहले...
(“स्वयं बनें गोपाल” समूह से जुड़े एक स्वयं सेवक की सत्य आत्मकथा)- आज से लगभग 8 – 9 वर्ष पूर्व, कंपनी के जर्मनी हेडक्वाटर के नित्य बदलते फैसले की वजह से अचानक कुछ महीने...
इस संसार के कई दुखद सत्यों में से एक सत्य यह भी है कि यहाँ कब, कहाँ, कौन व्यक्ति (चाहे वह ऊपर से दिखने में कितना भी धनी, स्वस्थ या सुखी क्यों ना हो)...
(विशेष अवसर पर गोलोक वासी ऋषि सत्ता की अत्यंत दयामयी कृपा से प्राप्त आपबीती दुर्लभ अनुभव का अंश विवरण)- मेरे अपने पार्थिव देह को छोड़ने अर्थात मृत्यु के बाद जब तक मैं अपनी गोलोक...
गोपाल अर्थात ईश्वर अनंत है इसलिए कोई भी जीवात्मा साकार रूप में, कभी भी पूरी तरह से परमात्मा का पूर्ण रूप प्राप्त कर ही नहीं सकती है ! यही वजह है कि आज भी...
वास्तव में लकवा प्रकृति के द्वारा बनाई गयी क्रूरतम बीमारियों में से एक है क्योंकि अगर लकवे का असर शरीर पर ज्यादा हो तो आदमी अपने निजी कार्य जैसे खाना, पीना, कपड़े पहनना, नहाना,...
आज के समय में अधिकाँश लोगों को ताड़ासन के बारे में सिर्फ यही पता होता है कि इसको करने से बच्चों के शरीर की हाइट (लम्बाई) बढ़ती है या ज्यादा से ज्यादा जॉइंट्स (जैसे...
{नीचे सर्वप्रथम श्री परमहंस योगानंद की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक “एक योगी की आत्मकथा” (जो फिलोसौफिकल लायब्रेरी न्यूयार्क के 1946 मूल संस्करण का पुनर्मुद्रण है) के पेज नम्बर 431 और 513 का अंश उद्धृत है...