[एक दिव्य देहधारी ऋषि सत्ता की परम आश्चर्यजनक पर नितांत गोपनीय आत्मकथा, जिसे विशेष मूहूर्त पर “स्वयं बनें गोपाल” समूह को प्रकाशित करने की विशेष अनुमति प्राप्त हुई है ! वह दिव्य गाथा, उन्ही...
आंकड़ों के अनुसार अकेले भारत में हर 5 मिनट में, 2 मौत सिर्फ किडनी की बीमारी से हो रही है और इन आकड़ों में अधिकता शहरों में रहने वाले ऐसे लोगों की है जो...
समाज में सर्वत्र तेजी से बढ़ती हुई संवेदनहीन संतानों की संख्या को देखते हुए, “स्वयं बनें गोपाल” समूह इस लेख को लिखने पर मजबूर हो गया ! यहाँ हम बात कर रहें हैं मुख्यतः...
कभी कभी बड़े से बड़े भक्तों के मन में भी प्रश्न आता है कि, क्या लगातार ईश्वर को देखने से उबन (बोरियत) नहीं होगी ? और अगर बोरियत होगी तो फिर कोई आदमी क्यों...
दुनिया दिन ब दिन सुविधा भोगी होती जा रही है और इसी सुविधा भोगी मानसिकता की तीव्र उत्कंठा के हजारों उदाहरणों में से एक है अपने नवजात बच्चों के लिए डायपर इस्तेमाल करना !...
इंग्लिश भाषा की एक फेमस कहावत है कि “चाइल्ड इज द फादर ऑफ़ मैन” इसलिए आज के बच्चों की बचपन की ही ट्रेनिंग, भविष्य के पूरे समाज की दिशा तय करती है अतः इसे...
भारत भूमि का पृथ्वी पर अपना एक विशिष्ट स्थान है क्योंकि यहाँ एक से बढ़कर एक दिव्य तीर्थ स्थल हैं (जैसे – हिमालय, वृन्दावन, जगन्नाथपुरी, अयोध्या, विन्ध्याचल, द्वारिका, रामेश्वरम, काशी आदि) और इन सभी...
आजकल की महानगरीय जीवन शैली की वजह से अक्सर नव विवाहित जोड़ों में अपने शादी के प्रति उत्साह कुछ ही वर्षों में कम होने लगता है ! आईये जानने की कोशिश करतें हैं समाज...
जब शत्रु प्रबल हो और लड़ने के लिए समय भी इफरात ना हो तो बहुत जबरदस्त मोर्चाबंदी करनी पड़ती है शत्रु को कुचल डालने के लिए ! कैंसर (कर्कट रोग) इसी स्तर का शत्रु...
हम यहाँ बात कर रहें है, बहुत ही साधारण से दिखने वाले आसन,– “सर्पासन” की, जिसे भुजंगासन (या कोबरा पोज़) भी कहतें हैं ! देखा जाय तो इसे करने वाले अधिकाँश लोग यही सोचतें...
कई योगी मानसिकता के ऐसे लोग भी होतें हैं (जिनमें काफी गृहस्थ भी होतें हैं) जो सिर्फ योग (हठ योग) के माध्यम से, मानव शरीर मिलने के असली उद्देश्य अर्थात सबके कारण, सबसे रहस्यमय,...
पश्चिमी देशों के खोखले कल्चर का अंधाधुंध अनुसरण कर अपने आप को मॉडर्न, क्लासी बनने वाले ऐसे मूर्ख भारतीय जो अपने अनंत वर्ष पुराने भारतीय सनातन धर्म को मात्र अंधविश्वास का पिटारा समझतें हैं,...
शास्त्रों में दिए गए इस महा वाक्य का क्या मतलब है;- “ब्रह्म (ईश्वर) सत्य, जगत मिथ्या” ? यह मात्र कोई उपदेश नहीं है, यह एक 100 प्रतिशत शुद्ध सच है जिसे कोई आदमी सिर्फ...