श्री लक्ष्मीनारायण श्रीवास्तव वकील कनकुआ लिखते हैं कि एक वर्ष के पहले मुझे साढ़े साती आया था । जिस काम में हाथ डालता था, उसी में हानि दृष्टिïगोचर होती थी । हानि पर हानि...
9 महीने तक नियम से सुबह शाम आधा घंटा प्राणायाम को परहेजों के साथ करने से निश्चित रूप से हर खतरनाक से खतरनाक बीमारी में भी आराम मिलते देखा गया है ! प्राण स्वस्थ...
श्री बामन जी तरुड़कार ,बेतूल लिखते हैं कि मेरे पिताजी गायत्री के अनन्य भक्त हैं। उनका अधिकांश समय गायत्री उपासना में जाता है। 24 लक्ष का अनुष्ठान कर चुके हैं और सवा करोड़ की...
श्री बैजनाथ भाई रामजी भाई गुलारे का कहना है कि गायत्री की पूजा में धर्म और अर्थ दोनों का लाभ है, इसलिए दूसरी पूजाओं के बजाय मुझे यही अधिक प्रिय है। गायत्री की मैंने...
कमल का सब रुपया उड़ चुका था-सब सम्पत्ति बिक चुकी थी। मित्रों ने खूब दलाली की, न्यास जहाँ रक्खा वहीं धोखा हुआ! जो उसके साथ मौज-मंगल में दिन बिताते थे, रातों का आनन्द लेते...
भीत-सी आँखोंवाली उस दुर्बल, छोटी और अपने-आप ही सिमटी-सी बालिका पर दृष्टि डाल कर मैंने सामने बैठे सज्जन को, उनका भरा हुआ प्रवेशपत्र लौटाते हुए कहा – ‘आपने आयु ठीक नहीं भरी है। ठीक...
चिकित्सा की अन्य पद्धतियों की तरह एक्युप्रेशर भी इलाज का एक बेहतरीन तरीका होता हैं। अब ये तरीके अपने यहां भी इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। एक्युप्रेशर में एक्यु चीनी भाषा का शब्द...
पं. शंभूप्रसाद मिश्र, हृदयनगर, कहते हैं कि मुझे अनुभव है कि मेरे इष्ट वेदमाता ने मेरे बड़े-बड़े हानि-लाभ के कार्यों में स्वप्नों में ही दिग्दर्शन कराके आने वाली विपत्ति से रक्षा की और शुभ...
पं. लक्ष्मीनथा झा व्याकरण साहित्याचार्य, झॉंसी लिखते हैं कि यह सेवक मिथिल के चौमथ ग्राम वास्तव्य राज ज्योतिषी पंडित प्रकाण्ड श्रीयुक्त कृपालु झा का लक्ष्मीकान्त झा नामक पुत्र है। यह यज्ञोपवीत संस्कार के अनन्तर...
एक दृष्टान्त है कि अति प्राचीन समय में एक बार पूरे सन्सार के बड़े बड़े विद्वानो, ऋषियों, महर्षियो की सभा हुई और इस बैठक का उद्देश्य था की ये जानना की इस संसार में...
प्राणायाम की तरह योगासन (yogasana, asana) भी बहुत चमत्कारी विधा है जिससे ना सिर्फ सभी रोगों का नाश संभव है, बल्कि विभिन्न रहस्यमय चक्रों और कोशो के जागरण से कुण्डलिनी प्रक्रिया भी सफल होती...
श्री बसन्त कुमार गौड़, देहरादून, लिखते हैं कि पिछले वर्ष मेरी अच्छी पढ़ाई नहीं हो पाई थी। तीन बार मास्टर बदले। हर एक ने अपने-अपने ढंग से पढ़ाया। मन भी अच्छी तरह न लगा।...
पालक एक आने गठ्ठी, टमाटर छह आने रत्तल और हरी मिर्चें एक आने की ढेरी “पता नहीं तरकारी बेचनेवाली स्त्री का मुख कैसा था कि मुझे लगा पालक के पत्तों की सारी कोमलता, टमाटरों...
एक्यूप्रेशर जो भारतीय आयुर्वेद के अंतर्गत वर्णित मर्दन विद्या (जिसे आज की आम बोलचाल भाषा में समझने के लिए मालिश कहा जा सकता है) का ही अधूरा रूप है ! भारतीय मर्दन विद्या के...
पं. पूजा मिश्र, ठोरी बाजार, लिखते हैं कि हमारे यहाँ एक बड़े प्रसिद्घ महात्मा हो गए हैं। इनका असली नाम तो मालूम नहीं, पर उनको परमहंस जी कहा जाता था। ये भूमिहार ब्राहम्ण थे।...